चंडीगढ़। पंजाब में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले अकाली दल और बीजेपी के बीच फिर से गठबंधन की चर्चा जोर पकड़ने लगी हैं, लेकिन भाजपा का केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के उस बयान ने सनसनी मचा दि हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी बिना शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन के 2027, 2032 और यहाँ तक कि 2037 में भी पंजाब में अकेले सरकार नहीं बना सकती। कैप्टन का बयान आते ही शिरोमणि अकाली दल की बठिंडा सांसद हरसिमरत कौर बादल ने तुरंत उनकी हां में हां की।

हरसिमरत ने कहा, कैप्टन बिल्कुल सही कह रहे हैं। भाजपा अकेले कभी पंजाब में सरकार नहीं बना सकती। पंजाब की जमीन की हकीकत सिर्फ कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ जैसे नेता ही जानते हैं। दिल्ली में बैठे कुछ लोग जो अपने निजी स्वार्थ के लिए भाजपा के कंधों पर सवार हैं, उन्हें डर है कि अगर अकाली दल से गठबंधन हो गया तो उनकी दुकानें बंद हो जाएंगी।

हरसिमरत ने इस दौरान ये भी कहा कि गठबंधन तभी संभव है जब पंजाब के मुद्दों को सुना जाए। अकाली दल सत्ता के लिए नहीं, बल्कि 105 साल पहले पंजाब और पंजाबियत की रक्षा के लिए बना था।

भाजपा ने ऐसे दिया मुंहतोड़ जवाब

पंजाब भाजपा के कार्यकारी प्रधान अश्वनी शर्मा ने कैप्टन अमरिंदर के बयान को पूरी तरह खारिज कर दिया। उनका कहना था कि ये कैप्टन साहब का निजी बयान हो सकता है। पार्टी पंजाब की सभी 117 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर रही है। हम संगठन को मजबूत कर रहे हैं और आंदोलन की तरह काम कर रहे हैं।

कांग्रेस ने भी बिना देरी किए कसा तंज

कांग्रेस ने भी मौका नहीं छोड़ा। जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह ने कैप्टन पर हमला बोलते हुए कहा, कैप्टन को शीशा दिखा दिया गया है। उन्हें बता दिया गया है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के अलावा किसी की नहीं सुनी जाती। वो सट्टेबाज बनना चाहते हैं, इसलिए अकाली-भाजपा गठबंधन की वकालत कर रहे हैं।