दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर कड़े निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रदूषण फैलाने वालों पर न केवल चालान जारी किए जाएँ, बल्कि आवश्यक होने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई भी की जाए।

उन्होंने निर्देश दिया कि केवल निजी ही नहीं, बल्कि सरकारी संस्थानों द्वारा लापरवाही बरतने पर भी कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी को आदेश दिया कि वह अपनी 1,400 किलोमीटर लंबी सड़कों को 72 घंटे के भीतर गड्ढों से मुक्त करे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट कहा कि राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को निर्देश दिए गए हैं कि प्रदूषण नियंत्रण और सफाई में लापरवाही बरतने वाले सरकारी संस्थानों पर चालान काटकर भारी जुर्माना वसूला जाए। साथ ही, बिना अनुमति सड़क काटने या कटे हुए मार्गों की समय पर मरम्मत न करने वाले सरकारी विभागों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए हैं।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि “311 ग्रीन ऐप” को एक नोडल प्लेटफ़ॉर्म के रूप में और अधिक मज़बूत किया जा रहा है। ग्रीन वॉर रूम के जरिए शहर में गड्ढों, ब्राउन एरिया और डस्ट हॉटस्पॉट्स की रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके साथ ही बीएस-IV से नीचे के वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में जताई नाराजगी

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विभाग प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की लापरवाही के लिए संबंधित विभाग के प्रमुख को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

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मुख्यमंत्री ने PWD को निर्देश दिया है कि वह अपने अधीन आने वाली 1,400 किलोमीटर सड़कों पर मौजूद सभी गड्ढों की पहचान कर उन्हें रिकॉर्ड समय में ठीक करे। उन्होंने डीडीए को भी आदेश जारी किए कि वह अपनी सड़कों पर सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखे और खाली पड़ी जमीनों से कूड़े-कचरे को तुरंत हटाए। वहीं, दिल्ली मेट्रो को निर्देश दिया गया कि वह अपनी एलिवेटेड लाइनों के नीचे स्थित सड़कों की तुरंत मरम्मत कराए और धूल नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए।

कमेटी का गठन

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक एक्सपर्ट और उच्चस्तरीय कमेटी के गठन की घोषणा की है। यह कमेटी लगातार प्रदूषण स्तर की निगरानी करेगी और उसे कम करने के लिए उपायों पर काम करेगी। कमेटी में सरकार के संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ आईआईटी और पर्यावरण से जुड़े विशेषज्ञों को भी शामिल किया जा रहा है।

2200 उद्यमों की होगी सीधी निगरानी

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने दिल्ली-एनसीआर के 2,200 से अधिक उद्यमों पर सीधी निगरानी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें से अधिकांश इकाइयाँ खाद्य, टेक्सटाइल और फर्नेस से जुड़े उद्योग हैं, जहां दहन भट्ठियों का उपयोग किया जाता है। इन भट्टियों से होने वाला उत्सर्जन वायु प्रदूषण में महत्वपूर्ण योगदान देता है। सीपीसीबी ने दिल्ली-एनसीआर के सभी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और समितियों को निर्देश दिया है कि इन उद्यमों में वास्तविक समय में उत्सर्जन पर निगरानी रखने वाले सेंसर अनिवार्य रूप से लगाए जाएँ और उनकी नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए।

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