राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी विभागों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने साफ चेतावनी दी है कि प्रदूषण नियंत्रण उपायों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को दिल्ली सरकार की बैठक केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ हुई। बैठक में राजधानी के अलावा फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 100% डस्ट मिटिगेशन लागू करने के निर्देश दिए गए। सरकार ने कहा कि इस बार प्रदूषण नियंत्रण अभियान ऑपरेशन मोड में संचालित किया जाएगा।
सिरसा ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ की बैठक
सिरसा ने बताया कि बुधवार (3 दिसंबर) को उनकी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ बैठक हुई। बैठक में दिल्ली के अलावा फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 100% डस्ट मिटिगेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि 72 घंटों के भीतर गड्ढों की मरम्मत पूरी की जाएगी और छह महीने के भीतर धूल फैलने वाले सभी क्षेत्रों का निदान किया जाएगा। इसके साथ ही सभी स्थानीय निकाय ग्रीन प्लांटेशन पर भी काम करेंगी।
BS-4 के नीचे के व्हीकल पर सख्ती
मंत्री ने बताया कि दिल्ली में बीएस-4 से नीचे के वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शहर में लास्ट माइल कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाया जाएगा। सिरसा ने स्पष्ट किया कि किसी भी एजेंसी को छूट नहीं दी जाएगी। दिल्ली में जहां कहीं भी किसी एजेंसी का मलबा देखा गया, उस पर कार्रवाई होगी। इसके तहत सरकारी और निजी दोनों प्रकार की एजेंसियों पर समान कार्रवाई की जाएगी।
ग्रीन रूम को दी जा रही ज्यादा पावर
मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि ग्रीन रूम को अधिक पावर दी जा रही है ताकि तेजी से कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि सभी पीडब्ल्यूडी सड़कों की नियमित धुलाई की जाएगी और मिस्ट स्प्रे इंस्टॉलेशन भी बढ़ाए जाएंगे। सिरसा ने यह भी बताया कि गुरुवार (4 दिसंबर) को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ITO क्षेत्र का निरीक्षण करेंगी ताकि यह देखा जा सके कि इन उपायों से कितना लाभ हो रहा है।
कूड़े को कंट्रोल करने के लिए होगा ये काम
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि अगले 45 दिनों में 1,000 वैक्यूम-बेस्ड कूड़ा वाहन खरीदे जाएंगे। उन्होंने बताया कि MCD की सड़कों पर 100 MRS लगाए जा रहे हैं। सिरसा ने कहा कि लीगेसी वेस्ट के निपटारे में पिछले 9 महीनों में गति दोगुनी हो गई है और प्रत्येक वार्ड में इस प्रक्रिया को लगातार लागू किया जा रहा है। सिरसा ने बताया कि पीडब्ल्यूडी की 550 किलोमीटर लंबी ब्राउन एरिया सड़कों पर अगले 15 दिनों में काम पूरा किया जाएगा। डीपीसीसी को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी बिल्डिंग में कूड़ा-मलवा या वायु प्रदूषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकारी बिल्डिंगों की फेंसिंग सुनिश्चित करनी होगी, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, उद्योगों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि 20 दिनों में OMC (ऑपरेटर मैनेजमेंट कंट्रोल) लागू नहीं होता है, तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
CM को सुझाव देने के लिए कमेटी का होगा गठन
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि मुख्यमंत्री को सुझाव देने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी की अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता करेंगी। इसमें देश के प्रमुख वैज्ञानिक और केंद्र सरकार के अधिकारी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि यह कमेटी बुधवार (3 दिसंबर) को ही गठित कर दी जाएगी।
वाहन मालिक को दी नसीहत
सिरसा ने कहा कि बीएस-2 और बीएस-3 वाहन मालिकों से आग्रह है कि वे अपने वाहनों का PUC प्रमाणपत्र समय पर बनवाएँ। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ट्रक बीएस-4 से नीचे के पाए गए, तो उन्हें सीज कर दिया जाएगा। सिरसा ने ऑड-इवेन पॉलिसी पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि यह प्रदूषण में पर्याप्त कमी नहीं लाती। उन्होंने कहा कि जनता को परेशान करना हमारा उद्देश्य नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और AAP सरकार के समय लोग बहाने बनाते थे, जबकि वर्तमान में सरकार ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की।
मंत्री ने आगे कहा कि यदि पूर्व की सरकारों ने काम किया होता, तो सोनिया गांधी को पत्र लेखन की आवश्यकता नहीं पड़ती। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले 15 सालों में 12 साल AAP की सहयोगी सरकार के तहत बीते हैं और पूछा कि इन वर्षों में कितने पत्र लिखे गए। सिरसा ने आरोप लगाया कि राजनीतिक उद्देश्यों से विरोध किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय मंत्री दिल्ली के मामलों को लेकर एक बैठक करेंगे।
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