इन्द्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। जिले के डोलरिया विकासखंड के ग्राम सुपरली के किसान योगेन्द्र पाल सिंह सोलंकी ने भारत आगमन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत का अनोखा एवं सांस्कृतिक तरीका चुना है। कृषि प्रधान भारत की समृद्ध परंपरा को प्रदर्शित करते हुए उन्होंने दोनों नेताओं की प्रतिमाएं विभिन्न प्रकार के अनाजों से तैयार की हैं।
कलात्मक तस्वीरों में भारतीय अनाजों का प्रयोग
इन कलात्मक तस्वीरों में धान, बाजरा, तिल, रागी, चावल, कुल्थी, खसखस सहित कई प्रकार के भारतीय अनाजों का प्रयोग किया गया है। किसान सोलंकी का कहना है कि भारत सदियों से अन्न-उत्पादन में अग्रणी रहा है और इसी अन्न–संस्कृति का संदेश वह विश्व के शक्तिशाली देशों तक पहुंचाना चाहते हैं। योगेन्द्र सोलंकी ने परमाणु सम्पन्न राष्ट्रों को संबोधित करते हुए अनाज से बना एक विशेष पत्र भी तैयार किया है। पुतिन–मोदी की ये अनोखी अनाज-चित्रकृतियां और पत्र रूस दूतावास, पीएमओ इंडिया तथा अन्य संबंधित संस्थाओं को ई–मेल और पोस्ट के माध्यम से भेजने की तैयारी की जा रही है।
श्रीमद्भगवद्गीता में अन्न के महत्व का वर्णन
किसान ने बताया कि श्रीमद्भगवद्गीता के तीसरे अध्याय के 14वें श्लोक में अन्न के महत्व का वर्णन मिलता है। इसी प्रेरणा से वे कई वर्षों से देश–दुनिया की हस्तियों की अनाज से बनी तस्वीरें तैयार कर रहे हैं। उनका उद्देश्य है कि खाद्य–सुरक्षा की वैश्विक आवश्यकता तथा परमाणु शक्तियों के विनाशकारी प्रभावों को लेकर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया जाए। किसान सोलंकी का कहना है कि भारत की कृषि-प्रधानता और शांति के संदेश को वे अपनी कला के माध्यम से विश्व तक पहुंचाते रहेंगे।
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