प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में बड़ी कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में 20 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई चर्चित मैक्सिजोन पोंजी स्कीम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में की जा रही है। जांच एजेंसी के अनुसार, इस स्कीम को चंद्र भूषण सिंह और प्रियंका सिंह नाम के प्रमोटर चलाते थे। इन पर आरोप है कि इन्होंने निवेशकों को अवास्तविक और अत्यधिक रिटर्न का लालच देकर 300 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की। रकम जुटाने के बाद दोनों आरोपियों ने धन का दुरुपयोग किया और निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया। मामले की प्राथमिक जांच के दौरान सामने आए मुख्य अपराध में दोनों प्रमोटर वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी उनकी संपत्तियों, लेन-देन और नेटवर्क की जांच कर रही है।
गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में हड़कंप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) आज सुबह से ही नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) के कई शहरों में कार्रवाई कर रही है। यह छापेमारी पोंजी स्कीम के प्रमोटरों, उनके सहयोगियों और उनसे जुड़े संदिग्ध ठिकानों पर एक साथ की जा रही है। ईडी के सूत्रों के अनुसार, रेड का मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी से अर्जित संपत्तियों का पता लगाना और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े सबूतों को जब्त करना है। अचानक हुई इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का रैकेट
मैक्सिजोन पोंजी स्कीम को चलाने का मुख्य आरोप चंद्र भूषण सिंह और प्रियंका सिंह पर है। जांच के अनुसार, दोनों ने भोले-भाले निवेशकों को ऐसे लाभ का वादा किया था, जो वास्तव में संभव ही नहीं थे। हजारों लोगों से करोड़ों रुपये इकट्ठे करने के बाद दोनों प्रमोटर कथित रूप से रकम लेकर फरार हो गए थे। मूल FIR में दर्ज अपराधों के आधार पर चंद्र भूषण सिंह और प्रियंका सिंह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी की मौजूदा जांच इस बात पर केंद्रित है कि धोखाधड़ी से प्राप्त 300 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को कहां और कैसे छिपाया गया, तथा उसे किन चल-अचल संपत्तियों में निवेश किया गया। एजेंसी संदिग्ध लेन-देन, अघोषित संपत्तियों और फर्जी कंपनियों की भूमिका की भी गहन जांच कर रही है।
मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच
पोंजी स्कीम ऐसी वित्तीय धोखाधड़ी होती है, जिसमें पुराने निवेशकों को रिटर्न नए निवेशकों के पैसे से दिया जाता है। यह एक पिरामिड संरचना की तरह चलती है और अंततः ढह जाती है। मैक्सिजोन मामले में ईडी धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के पहलू से जांच कर रही है। एजेंसी यह पता लगा रही है कि चंद्र भूषण सिंह और प्रियंका सिंह ने जुटाई गई रकम को किस तरह घुमाया, किन माध्यमों के जरिए ट्रांसफर किया और इस अवैध कमाई में किन लोगों की भूमिका रही।
जांच टीम बेनामी संपत्तियों, फर्जी कंपनियों और संदिग्ध खातों की भी छानबीन कर रही है। माना जा रहा है कि यह छापेमारी न केवल दोनों प्रमोटरों पर दबाव बढ़ाएगी, बल्कि उन तमाम बेनामी संपत्तियों को जब्त करने का रास्ता भी साफ करेगी, जो निवेशकों के पैसों से खरीदी गई थीं। ईडी की यह कार्रवाई देश में आर्थिक अपराधों के खिलाफ सरकार के कड़े रुख को भी दर्शाती है।
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