वैशाली। जिले के हाजीपुर जंक्शन पर एक मजदूर दंपति अपने तीन बच्चों के साथ प्लेटफॉर्म पर सो रहा था। उन्हें क्या पता था कि अगली सुबह उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल जाएगी। रात की खामोशी और ट्रेनों के शोर के बीच से किसी ने उनके सबसे छोटे बेटे फहिम उर्फ राजा बाबू को गोद में उठाया और अंधेरे में गायब हो गया। सुबह जब मां की नींद खुली तो उसके सीने पर सोने वाला बच्चा अचानक कहीं नहीं था। चीख सुनकर प्लेटफॉर्म पर मौजूद हर चेहरा ठहर गया लेकिन मासूम कहीं नजर नहीं आया।

एक महिला और पुरुष ने उठाया बच्चा

जैसे ही शिकायत जीआरपी तक पहुंची पुलिस ने तुरंत सीसीटीवी फुटेज खंगाला। उसमें एक महिला और एक पुरुष बच्चे को चुपचाप उठाकर ले जाते दिखे। उनकी पहचान बिदुपुर के अर्जुन कुमार और हाजीपुर की किरण देवी के रूप में हुई।

पूछताछ में खुला बड़ा किडनैपिंग

गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि यह कोई सामान्य चोरी नहीं बल्कि बच्चे की सीधी ह्यूमन ट्रैफिकिंग थी। इस रैकेट में कुल छह लोग शामिल थे। आरोपियों ने बताया कि बच्चे को बिदुपुर के सोनू कुमार के पास सौंपा गया।

3.50 लाख में बिका मासूम

पुलिस छापेमारी में सोनू भी गिरफ्तार हुआ। पूछताछ में उसने बताया कि बच्चा 3 लाख 50 हजार रुपये में बेचा गया। यह सौदा समस्तीपुर के शाहपुर पटोरी के डॉक्टर अविनाश और उनकी सहयोगी मुन्नी कुमारी ने करवाया। इस डील में सोनू को 1.30 लाख रुपये मिले। पुलिस ने सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि डॉक्टर अविनाश अभी भी फरार है।

बस मेरा बच्चा वापस चाहिए

प्लेटफॉर्म पर रो रोकर बेहाल मां का बस एक ही सवाल है-उसका राजा बाबू कहां है? पुलिस टीमें बच्चे की लोकेशन का पता लगाने में लगी हैं तलाश जारी है।