Karnataka Period Leave Policy: कर्नाटक में सरकारी महिला कर्मचारियों को एक दिन पेड पीरियड्स लीव यानी पेड मेंस्ट्रुअल लीव (menstrual Leave Policy) लागू कर दिया गया है। कर्नाटक की सीएम सिद्दारमैया सरकार ने महिलाओं कर्मचारियों के लिए नई नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 18 से 52 वर्ष उम्र की महिला सरकारी कर्मचारियों को हर महीने एक दिन की पेड मेनस्ट्रुअल (मासिक धर्म) छुट्टी मिलेगी। इस तरह महिला कर्मचारियों को साल भर में 12 पेड छुट्टियां मिलेगी।

राज्य सरकार ने 9 अक्टूबर को मेंस्ट्रुअल लीव पॉलिसी (MLP) 2025 को मंजूरी दी थी। इसका फायदा सरकारी महिला कर्मचारियों के साथ-साथ, प्राइवेट कंपनीज और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में काम करने वाली महिलाओं को भी मिलेगा।

दरअसल बैंगलोर होटल्स एसोसिएशन (BHA) ने नवंबर में कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार ने प्राइवेट सेक्टर की महिलाओं को तो यह सुविधा दे दी, लेकिन सरकारी कर्मचारियों को नहीं दी।उनका कहना था कि यह भेदभाव है क्योंकि राज्य खुद बड़ी संख्या में महिलाओं को नौकरी देता है। इस विवाद के बाद सरकार ने यह नियम सरकारी महिला कर्मचारियों पर भी लागू करने का आदेश जारी कर दिया।

वहीं सरकार का कहना है कि यह कदम महिला कर्मचारियों की सुविधा और कार्यस्थल पर उनकी भलाई को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। यह नीति राज्य के सभी स्थायी, संविदा और आउटसोर्स महिला कर्मचारियों पर लागू होगी। महिला कर्मचारी इस छुट्टी का लाभ बिना किसी मेडिकल सर्टिफिकेट के ले सकती हैं। इसे अटेंडेंस या लीव रजिस्टर में अलग से दर्ज किया जाएगा। इस छुट्टी को किसी अन्य छुट्टी के साथ नहीं जोड़ा जा सकता।

60 लाख महिलाओं को होगा फायदा

लेबर डिपार्टमेंट के अनुसार राज्य में करीब 60 लाख कामकाजी महिलाएं हैं। इनमें से 25 से 30 लाख महिलाएं कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करती हैं। विभाग सभी एम्प्लॉयर्स के साथ एक बार मीटिंग करके उन्हें इस नए नियम को लेकर अवेयर करेगा। पॉलिसी के अप्रूव होने से पहले 18 सदस्यों की एक कमेटी ने कुछ सुझाव दिए थे। इसमें पीरियड्स के दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलाव, उनकी मुश्किलें और ऐसे समय में उनके शरीर को आराम की जरूरत का उल्लेख किया गया था। इस कमेटी को क्राइस्ट यूनिवर्सिटी की लॉ डिपार्टमेंट की चीफ सपना एस लीड कर रही थीं। इसके बाद सरकार ने इसके फायदे-नुकसान को जाना। अलग-अलग विभागों और ऑर्गेनाइजेशन्स से इसपर सुझाव लिया। महिला प्रधान उद्योग जैसे कपड़ा उद्योग पर पड़ने वाले असर को भी समझा।

छुट्टी के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं

सरकार के नए निर्देशों के मुताबिक:

  • मेंस्ट्रुअल लीव लेने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी नहीं है।
  • इस अवकाश को किसी अन्य छुट्टी से नहीं जोड़ा जा सकता।
  • दफ्तरों में मेंस्ट्रुअल लीव का अलग रिकॉर्ड रखना जरूरी होगा।

बिहार, ओडिशा में पहले से लागू

इसी के साथ कर्नाटक देश के उन कुछ राज्यों का हिस्सा बन गया है जहां महिलाओं को पीरियड लीव दी जाती है। बिहार में महिलाओं को हर महीने दो पीरियड लीव मिलती हैं। हाल ही में ओडिशा में सरकारी विभागों में काम करने वाली महिलाओं के लिए 1 पीरियड लीव देने की घोषणा की गई थी।

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