मुंबई के विवेक विद्यालय जूनियर कॉलेज में बुर्का-नकाब और किसी भी बुर्का पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसे लेकर विरोध शुरू हो गया है. AIMIM ने लड़कियों को बुर्का हटाने की बाध्यता का विरोध कर कॉलेज को आदेश वापस लेने का अल्टीमेटम दिया. कॉलेज ड्रेस कोड में शालीन, गैर-धर्म आधारित पहनावे की अनिवार्यता बताई गई है, जबकि शिवसेना ने ड्रेस कोड का समर्थन किया. कॉलेज के कोड ऑफ कंडक्ट के आदेश में साफ लिखा गया है कि लड़कियों का कम कपड़े, बुर्का और हिजाब पहनना बैन है. वहीं, लड़कों को टोपी, धार्मिक चिन्ह वाले कपड़े पहनने पर बैन है.
विवेक विद्यालय के जूनियर कॉलेज ने अपने सर्कुलर में कहा है कि छात्रों को संस्थान द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का कड़ाई से पालन करना होगा. उनसे परिसर में उचित और शालीन कपड़े पहनने की अपेक्षा की जाती है.
स्वीकार्य पोशाक:
1- लड़कों के लिए- औपचारिक हाफ या फुल शर्ट और ट्राउजर, टी-शर्ट/जींस.
2- लड़कियों के लिए- कोई भी उपयुक्त भारतीय या पश्चिमी पोशाक.
3- लड़कों को उचित ढंग से बाल कटवाकर आना होगा. लड़कियों को हर समय अपने बाल बांध कर रखने होंगे.
अनुमति नहीं:
1- बिना आस्तीन वाले टॉप, छोटे टॉप, जर्सी, छोटे कपड़े, छोटी टी-शर्ट, शरीर से चिपके हुए टॉप, शॉर्ट्स, रिप्ड जींस या कोई भी अन्य अनुचित पोशाक पहनने की अनुमति नहीं होगी.
2- ऐसे कपड़े पहनना प्रतिबंधित है जो धर्म से आधारित हों और सांस्कृतिक असमानता दर्शाते हों.
3- लड़कियों के लिए- कक्षा में प्रवेश से पहले बुर्का, नकाब आदि (अर्थात, कपड़े या एम्ब एम्स, धर्म-निर्धारण चिह्न) उतारना अनिवार्य है.
4- लड़कों के लिए- टोपी, बैज, पोशाक या धर्म को दर्शाने वाले प्रतीक चिन्ह की अनुमति नहीं है.
5- सभी छात्रों को हर समय उचित जूते पहनने होंगे- धार्मिक आवश्यकताओं या कारणों से नंगे पैर रहने की अनुमति नहीं होगी.
शिवसेना प्रवक्ता संजय निरूपम का कहना है कि बच्चों को कॉलेज के आदेश और ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए. वहीं, इस मामले में एमआईएम ने कॉलेज को अपना आदेश पीछे लेने का अनुरोध किया है.
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक


