पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति और भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज(Bansuri Swaraj) के पिता स्वराज कौशल (Swaraj Koushal)का आज (4 दिसंबर 2025) निधन हो गया। 73 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। दिल्ली भाजपा ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए इस दुखद सूचना को साझा किया। स्वराज कौशल देश के प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ताओं में शुमार थे। वे मिजोरम के राज्यपाल रह चुके थे और सार्वजनिक जीवन में उनकी पहचान ईमानदार, सरल स्वभाव वाले और तेज सोच रखने वाले प्रशासक की रही। राजनीति और कानून दोनों क्षेत्रों में उनका योगदान उल्लेखनीय माना जाता है। उनके अंतिम संस्कार का कार्यक्रम आज ही शाम दिल्ली के लोधी रोड श्मशान घाट में रखा गया है।
73 वर्ष की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा
73 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले स्वराज कौशल एक प्रतिष्ठित अधिवक्ता थे और कानूनी जगत में उनका लंबा अनुभव रहा। दिल्ली भाजपा ने अपने एक्स (Twitter) हैंडल पर उनके निधन की जानकारी साझा करते हुए लिखा-“सांसद एवं प्रदेश मंत्री सुश्री बांसुरी स्वराज जी के पिताजी श्री स्वराज कौशल जी का आज 4 दिसंबर, 2025 को निधन हो गया है। उनका अंतिम संस्कार आज 4 दिसंबर, 2025 को सायं 4:30 बजे लोधी रोड श्मशान घाट पर किया जाएगा।”
मिजोरम के राज्यपाल और राज्यसभा के सदस्य
मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। कौशल ने मात्र 34 वर्ष की आयु में सुप्रीम कोर्ट के वकील के रूप में नामांकन पाया था। इसके बाद 37 वर्ष की उम्र में वह मिजोरम के तीसरे राज्यपाल बने और वर्ष 1990 से 1993 तक इस पद पर रहे। 12 जुलाई 1952 को मदन लाल और लाज्यवती के घर जन्मे स्वराज कौशल ने वर्ष 1975 में सुषमा स्वराज से विवाह किया था। वह देश के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल भी रहे। इसके अलावा, वह 1998 से 2004 तक हरियाणा विकास पार्टी के नेता के तौर पर सक्रिय राजनीति में रहे और दो कार्यकाल (1998–99, 2000–2004) के लिए राज्यसभा के सांसद भी नियुक्त हुए। उल्लेखनीय है कि उनकी पत्नी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 6 अगस्त 2019 को निधन हो गया था।
पिता स्वराज कौशल के निधन पर क्या बोलीं बांसुरी?
नई दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद बांसुरी स्वराज ने अपने पिता स्वराज कौशल के निधन पर भावुक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा-“पापा स्वराज कौशल, आपका स्नेह, आपका अनुशासन, आपकी सरलता, आपका राष्ट्रप्रेम और आपका अपार धैर्य मेरे जीवन की वह रोशनी हैं, जो कभी मंद नहीं होगी। आपका जाना हृदय की सबसे गहरी पीड़ा बनकर उतरा है, पर मन यही विश्वास थामे हुए है कि आप अब माँ के साथ पुनः मिल चुके हैं. ईश्वर के सान्निध्य में, शाश्वत शांति में। आपकी बेटी होना मेरे जीवन का सबसे बड़ा गौरव है, और आपकी विरासत, आपके मूल्य और आपका आशीर्वाद ही मेरी आगे की हर यात्रा का आधार रहेंगे। ॐ शांति।”
परिवार का राजनीति में रहा है दबदबा
स्वराज कौशल का परिवार लंबे समय से राजनीति में प्रभावशाली रहा है। साल 1975 में स्वराज कौशल ने सुषमा स्वराज से विवाह किया था। उनकी एकलौती संतान बांसुरी स्वराज हैं, जिन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद इनर टेम्पल से बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी की। वर्तमान में बांसुरी स्वराज नई दिल्ली लोकसभा सीट से भाजपा की सांसद हैं। सुषमा स्वराज देश की शीर्ष नेताओं में गिनी जाती थीं। एनडीए सरकार के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विदेश मंत्री की अहम जिम्मेदारी संभाली थी। वर्ष 2019 में उनका निधन हो गया।
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