परवेज आलम, बगहा। बिहार में इन दिनों लगातार अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर एक्शन देखने को मिल रहा है। इसी क्रम में आज गुरुवार को बगहा में भी नगर प्रशासन की टीम अतिक्रमण हाटने के लिए पहुंची, जिसे ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए आगजनी कर दी, हालांकि हालांकि सीओ बगहा 1 नर्मदा श्रीवास्तव और नगर थाना की पुलिस बल ने दमकल टीम की मदद से आग बुझाकर आक्रोशित लोगों कों शांत कराने का काम किया।

दरअसल बगहा एक प्रखंड के सिंगाड़ी पिपरिया पंचायत के पिपरिया में अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासनिक टीम को अतिक्रमणकारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। विवादित भूमि को खाली कराने के लिए पहुंची टीम को देखते ही अतिक्रमणकारियों ने अचानक पुआल की ढे़र में आग लगा दी और एनएच 727 को भी जाम करने की कोशिश की, जिससे कुछ देर तक आवागमन बाधित रहा।

स्थिति को बिगड़ता देख प्रशासन ने तुरंत अग्निशमन दल को सूचना दी, सीओ की मौजूदगी में दमकल टीम के पहुंचने पर आग पर काबू पा लिया गया। बताया जा रहा है की गरीब महादलितों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा था, जबकि नीजी व्यक्ति के जमीन के आगे इनकी (महादलित) जमीन होने का दावा कर लोगों नें कार्रवाई पर सवाल खड़े किए।


इधर सीओ बगहा एक नर्मदा श्रीवास्तव ने बताया कि, पिपरिया में सरकारी जमीन पर कुछ लोगों ने बथान और पुआल रखकर अतिक्रमण कर लिया था। शिकायत मिलने और सत्यापन के बाद बुधवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी। लेकिन जैसे ही टीम स्थल पर पहुंची, अतिक्रमणकारियों ने उग्र रूप धारण कर लिया और विवादित स्थान पर पुआल पराली की ढेर में आग लगा दी। इस दौरान मौके पर अफरा–तफरी की स्थिति बन गई थी। अग्निशमन टीम के सहयोग से आग बुझाई गई और इसके बाद प्रशासन ने सरकारी भूमि को पूरी तरह खाली करा दिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक शिकारपुर थाना निवासी प्रदीप दुबे के आवेदन पर हरसरी निवासी इंद्रजीत दुबे की जमीन पर किए गए अतिक्रमण को भी हटाया गया है। जानकार बताते हैं की प्रदीप दुबे ने आरोप लगाया था कि सिंगाड़ी पिपरिया के श्यामा गोंड, प्रकाश गोंड, दिनेश गोंड सहित चार लोगों ने उनकी भूमि पर कब्जा कर लिया था।

सुनवाई के दौरान आरोपित पक्ष किसी भी दस्तावेज को प्रस्तुत नहीं कर सका, जिसके आधार पर अतिक्रमण हटाने का सक्षम प्राधिकार ने निर्णय लिया। ततपश्चात कार्रवाई हुई तो बवाल मच गया। हालांकि प्रदीप दूबे ने इस विवादित जमीन और मामले से कोई लेना देना या वास्ता नहीं होने की बात कह कर लगाए जा रहे आरोपों को ख़ारिज किया है।

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