प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी वकील को समय पर आवश्यक जानकारी पुलिस की ओर से उपलब्ध नहीं कराने पर नाराजगी जताई है। साथ ही डीजीपी को आदेश दिया है कि एक सर्कुलर जारी करें कि कोई पुलिस अधिकारी सरकारी वकील को जमानत से संबंधित जानकारी देने में लापरवाही करता है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की एकल पीठ ने विनोद राम की जमानत अर्जी पर दिया। दरअसल, याची के खिलाफ बलिया के बांसडीह रोड थाने में अपहरण, सबूत मिटाने सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज है।

याची ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि याची की जमानत अर्जी एक महीने से लंबित रही। क्योंकि, संबंधित विवेचना अधिकारी की ओर से सरकारी वकील को आवश्यक निर्देश या जानकारी उपलब्ध कराने में लापरवाही बरती गई।

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