Margashirsha Purnima 2025: आज, 4 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर गजकेसरी योग का शुभ संयोग बना है. आज रात की गई एक आसान चंद्र साधना आपकी दो बड़ी ख्वाहिशें पूरी कर सकती है. बता दें कि यह साल की आखिरी और सबसे शक्तिशाली पूर्णिमा है. जब चंद्रमा अपनी रोशनी के शबाब पर होगा. माना जाता है कि शांत मन से चांद को देखना और जल्दी मनोकामना पूरी करने का संकल्प लेना अच्छा विचार है.

बता दें, इस रात चांद की एनर्जी अपने पीक पर होती है, जो इसे मनोकामना पूरी करने और भाग्य बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम मना जाता है. इस रात की गई साधना बहुत फलदायी मानी जाती है. ज्योतिषी के अनुसार, इस रात किया गया एक आसान चंद्र साधना का उपाए दो ख्वाहिशें पूरी कर सकता है. किस तरह करना होगा. सबसे पहले अपने घर की बालकनी का छत पर चंद्रमा की रोशनी में जाए. फिर एक गिलास में पानी लेकर चंद्रमा की ओर पूर्ण श्रद्धा के साथ दोनों हाथों में पानी की गिलास लेकर मन ही मन कई भी दो कामनाएं करें. कुछ समय बाद इस पानी को ग्रहण कर लें. शांत मन से चांद को देखना और जल्दी मनोकामना पूरी करने का संकल्प लें. चंद्रदेव का आशीर्वाद ले. साधना पूरी करने के बाद चांद को प्रणाम करें.
क्या होगा है गजकेसरी योग (Margashirsha Purnima 2025)?
ज्योतिष के अनुसार, गजकेसरी योग तब बनता है. जब देव गुरु बृहस्पति और चंद्रमा एक-दूसरे से केंद्र भाव में होते हैं. इस योग को बहुत शुभ माना जाता है. गजकेसरी का मतलब है हाथी जैसी ताकत और शेर जैसा पराक्रम. यह योग धन, ज्ञान, समृद्धि, सम्मान और हर क्षेत्र में सफलता देता है. जब गजकेसरी योग के प्रभाव में पूर्णिमा के दिन चंद्र साधना की जाती है तो आपके संकल्प की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है.
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