मुकेश सेन, टीकमगढ़। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने नेताओं और उद्योगपतियों के घर होने वाली शादियों में फिजूलखर्ची पर सवाल उठाया है। अपने निवास में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा की आज कल शादियां अब मैरिज गार्डन में होने लगी है। महंगे से महंगे व्याह हो रहे है। मैं तो नेताओं को बार बार कह रही कि काहे को दिखावा करते तुम्हारी तो वैसे ही इज्जत है, लेकिन दो नम्बर का पैसा खपाना है कही ना कही, इसलिए नेताओं को शादियों में आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए।

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नाचने वाली को बुलाकर करोड़ों का पेमेंट

ये दो तीन बातें नेताओं को करनी पड़ेगी, कुछ नीचे से करना पड़ेगी सारी व्यवस्थाएं, कम खर्चे में भी जिंदगी बेहतर चल सकती है। इसलिये मैं तो सब नेताओं से उद्योगपतियों से जो बड़े बड़े उद्योगपति जिनने एक एक नाचने वाली को बुलाने के लिये गाने वाली को अमेरिका से बुलाया है और उनके बीस बीस करोड़ रुपये के पेमेन्ट किये है, इसकी जगह पर वो एक साथ 20 हजार निम्न आय वाले व्यक्ति की बेटियों का ब्याह करवा सकते थे।

लक्ष्मी का अपमान और धन का फुहड़ प्रदर्शन

इतनी दुआ लगती, इतना यश होता ये फिजूलखर्ची है, लक्ष्मी का अपमान है, ये धन का फुहड़ प्रदर्शन है। मैं इन सारे उद्योगपतियों के जो विवाह हुए उनकी घोर निंदा करती हूं। आपको पता नहीं इनका निमंत्रण नहीं आ सकता है मेरे घर में, मैंने बॉयकाट कर रखा है। इनका न्यौता अंदर नहीं आने देना बाहरी रखों अपना न्योता। शर्म आती है दुःख होता है, आखिर में उन्होंने उर्दू का एक शेर भी पढ़ा कि एक शहंशाह ने बना के एक ताजमहल गरीबों की मुहब्बत का उड़ाया है मजाक।

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