राज्यसभा में Finance minister निर्मला सीतारमण ने TMC के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र ने कभी West Bengal को नजरअंदाज नहीं किया, TMC खुद राज्य के विकास को बाधित कर रही है. सीतारमण ने कहा कि राज्य से कई कंपनियां चली गईं. राज्य की जीडीपी ग्रोथ रेट पहले 10 फीसदी थी, जो अब घटकर 3 फीसदी रह गई है.संसद के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन यानी गुरुवार को राज्यसभा में Central Excise Amendment bill, 2025 पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री टीएमसी के सदस्यों के आरोपों का जवाब दिया. बहस के दौरान टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने कहा कि राज्य को 1.75 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी मुआवजा और अन्य फंड्स का भुगतान नहीं किया गया है. इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि 1 अप्रैल 2011 से 30 सितंबर 2025 तक पश्चिम बंगाल से 448 लिस्टेड कंपनियां और 6,447 अनलिस्टेड कंपनियां चली गईं. राज्य की जीडीपी ग्रोथ रेट पहले 10% थी, जो अब घटकर 3% रह गई है.

वित्त मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से बंगाल 2019 में खुद हट गया, जो लोगों के हित में नहीं है. इसके अलावा, केंद्र की योजनाओं में अनियमितताएं पाई गईं. सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्य को विकास परियोजनाओं में बढ़ावा दिया है, लेकिन टीएमसी की भ्रष्टाचार के कारण राज्य का विकास रुक रहा है. उद्योग राज्य छोड़ रहे हैं और टीएमसी ग्रामीण लोगों के अधिकारों का हनन कर रही है.

मनरेगा बकाया के आरोपों पर वित्त मंत्री ने कहा कि मार्च 2022 से नियमों का पालन न करने के कारण धनराशि रोक दी गई है. जुलाई 2025 में राज्य ने स्वीकार किया कि 4 जिलों से 4.81 करोड़ रुपये वसूले गए हैं और अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. टीएमसी सांसदों ने वित्त मंत्री सीतारमण के जवाब से असंतुष्ट होकर टीएमसी सांसदों ने वॉकआउट किया.

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