Indigo Flight Crisis: पिछली तीन दिन से इंडिगो एयरलाइन्स का यात्रिय़ों को झटका देना जारी है। सिर्फ आज 500 से ज्यादा फ्लाइट अबतक कैंसल हो गए हैं। इधर इंडिगो संकट की वजह से इंटरनेशनल से भी महंगी हुई घरेलू एयरलाइन्स टिकट के दाम हो गए हैं। इंडिगो संकट की वजह से दूसरे एयरलाइन्स कंपनियों ने टिकट के दाम कई गुना बढ़ा दिेया है। दिल्ली से मुंबई का किराया 1 लाख 70 हजार रुपये और दिल्ली से जयपुर का किराया 88 हजार रुपये पहुंच गया है। वहीं दिल्ली से लंदन का टिकट महज 27 हजार रुपए है।

DGCA ने रोस्टर से जुड़ा अपना आदेश वापस ले लिया है। राम मोहन नायडू ने इंडिगो मामले पर गृह मंत्री अमित शाह को जानकारी दी। इसके बाद आदेश वापस ले लिया गया। डीजीसीए ने उस नियम को वापस ले लिया है, जो क्रू के लिए साप्ताहिक आराम के बदले छुट्टी का उपयोग करने से रोकता था। यह नियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।

एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दावा किया कि इंडिगो ने विंटर 2025 में उड़ानें जानबूझकर बढ़ाई, जबकि उसे पता था कि 1 नवंबर 2025 से नए FDTL नियम लागू हो रहे हैं। Phase II लागू होने के 35 दिन बाद अचानक बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन शुरू किए हैं। संघ का कहना है कि यह कदम एक “कृत्रिम संकट” बनाकर दबाव बनाने जैसा है।

IndiGo संकट संसद तक पहुंचा, राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना

इंडिगो के परिचालन संकट और बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द होने का मुद्दा अब संसद तक पहुंच गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि एयरलाइन सेक्टर में बढ़ती मोनोपॉली और कम होती प्रतिस्पर्धा ही मौजूदा अव्यवस्था की सबसे बड़ी वजह है। उन्होंने लिखा, “इंडिगो की नाकामी इस सरकार के मोनोपॉली मॉडल की कीमत है। एक बार फिर आम भारतीय इसकी कीमत देरी, कैंसलेशन और लाचारी के रूप में चुका रहे हैं।” उन्होंने मांग की कि देश के एविएशन सेक्टर में फेयर कॉम्पिटिशन सुनिश्चित होना चाहिए ताकि यात्रियों को भरोसेमंद सेवाएं मिल सकें। राहुल ने कहा कि भारत हर सेक्टर में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का हकदार है, न कि “मैच-फिक्सिंग मोनोपॉली” का।

आखिर क्यों आई ये नौबत

बता दें कि भारत के घरेलू एविएशन मार्केट में 60 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी रखने वाला इंडिगो बुरे दौर से गुजर रहा है। शुक्रवार को भी चौथे दिन पूरे देश में इसकी 400 फ्लाइट रद्द हो चुकी है। इसके पीछे वजह स्टाफ की कमी बताई जा रही है। इंडिगो में पायलटों की कमी की वजह से चौथे दिन मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली और हैदराबाद हवाई अड्डों से इसकी लगभग 400 उड़ानें रद्द कर दी गई है। दिल्ली से उड़ने वाली सभी 200 फ्लाइट्स को इंडिगो ने आज रद्द कर दिया है।

नए नियम और रोस्टर क्राइसिस
इंडिगो लगातार इस व्यवधान के लिए तकनीकी खराबी, मौसम और नए क्रू रोस्टरिंग नियमों को जिम्मेदार ठहराया है। इनका कहना है कि 1 नवंबर से इंडिगो को नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (एफडीटीएल) नियमों के तहत पायलट और चालक दल की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके तहत उड़ान के घंटों को सीमित कर दिया गया है और अधिक आराम अनिवार्य कर दिया गया है।

FDTL के नियम क्या हैं?
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (DGCA) ने 1 नवंबर से नए FDTL नियम लागू किए हैं। यानी नवंबर से अपडेटेड फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) लागू हो चुका है। ये नियम हर हफ्ते आराम का समय बढ़ाकर 48 घंटे करता है। रात की ड्यूटी के घंटे बढ़ाता है और हफ्ते रात में छह के बजाय दो बार लैंडिंग करने की अनुमति देता  है। यानी एक पायलट रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच कितनी लैंडिंग कर सकता है, इसकी लिमिट तय करता है।

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