राजधानी दिल्ली में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों(Ayushman Arogya Mandir) के पास स्थित 95 और मोहल्ला क्लीनिक(Mohalla Clinic) जल्द ही बंद किए जा सकते हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) शासनकाल में स्थापित ऐसे सभी क्लीनिकों की सूची तैयार कर ली गई है। सरकार के इस कदम से इन मोहल्ला क्लीनिकों में कार्यरत कर्मचारियों की नौकरी पर भी खतरा मंडराने लगा है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के तहत काम करने वाले मोहल्ला क्लीनिक सेल के अधिकारी इस मामले पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से बच रहे हैं। गौरतलब है कि दिल्ली में पहले 553 मोहल्ला क्लीनिक संचालित थे। इनमें से कई केंद्रों में डॉक्टरों की अनुपस्थिति जैसी समस्याओं के कारण कुछ क्लीनिकों को पहले ही बंद किया जा चुका है।
AAP ने साधा निशाना
‘AAP’ के प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि एक तरफ सरकार मोहल्ला क्लीनिकों को बंद करने की तैयारी कर रही है, जबकि दूसरी ओर मेट्रो स्टेशनों और शॉपिंग मॉल में शराब के प्रीमियम शोरूम खोलने को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि यदि मोहल्ला क्लीनिक बंद हो जाते हैं, तो आम लोगों के लिए उपचार कराना बेहद कठिन हो जाएगा।
गौरतलब है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 25 नवंबर को शक्ति नगर में 70 से अधिक नए ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिरों’ का उद्घाटन किया था। मुख्यमंत्री ने इसे राजधानी की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को आधुनिक और सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया था।
उन्होंने कहा था कि इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से नागरिकों को एक ही स्थान पर नियमित स्वास्थ्य जांच, आवश्यक व सामान्य दवाओं की निशुल्क उपलब्धता, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, अनिवार्य टीकाकरण, बीमारियों की रोकथाम एवं स्वास्थ्य जागरूकता से जुड़ा परामर्श, और विशेषज्ञ डॉक्टरों से ऑनलाइन टेली-परामर्श जैसी सुविधाएं प्राप्त होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का लक्ष्य है कि हर नागरिक को बेहतर, सस्ती और निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी बाधा के उपलब्ध हों। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना, जनऔषधि केंद्र, वय वंदना योजना और अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर मिलकर दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था को अधिक आधुनिक और सुदृढ़ बना रहे हैं। सरकार की प्रतिबद्धता है कि प्रत्येक मरीज को समय पर उपचार मिले, हर नागरिक को किफायती दवाएं प्राप्त हों और हर कॉलोनी में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की सुनिश्चित उपलब्धता हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा लागू किए गए मोहल्ला क्लीनिक मॉडल में न तो पर्याप्त डॉक्टर उपलब्ध थे, न दवाइयाँ और न ही आवश्यक स्टाफ। इसके विपरीत, उन्होंने दावा किया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर वास्तविक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की तरह कार्य करते हैं, जहाँ बैंडेज, आवश्यक दवाइयाँ, टीकाकरण, फैमिली प्लानिंग सेवाएँ और अन्य बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएँ नियमित रूप से उपलब्ध रहती हैं।
उन्होंने बताया कि अब तक दिल्ली में करीब 250 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए जा चुके हैं, और सरकार का लक्ष्य है कि राजधानी में 1000 से अधिक ऐसे केंद्र खोले जाएँ। बड़े अस्पतालों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए कॉलोनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार बेहद जरूरी है। सरकार की योजना है कि दिल्ली की हर विधानसभा में कुल 15 आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए जाएँ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना, जनऔषधि केंद्रों और नई स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के माध्यम से दिल्ली को न सिर्फ देश, बल्कि दुनिया के लिए एक उभरते मेडिकल हब के रूप में विकसित करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 8–10 महीनों में सरकार ने 24×7 प्रतिबद्धता के साथ काम किया है, ताकि हर नागरिक को समय पर आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सकें। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे अपने क्षेत्रों के समग्र विकास में सहयोग दें, ताकि दिल्ली के लिए प्रधानमंत्री के विज़न को वास्तविक रूप दिया जा सके और राजधानी को एक सशक्त, स्वस्थ और आधुनिक शहर बनाया जा सके।
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