रायपुर- प्रदेश कांग्रेस में नेताओं को अब जमीन दिखाने का सिलसिला शुरू हो गया है, खासतौर पर उन चेहरों को जो पार्टी के लिए अब आउट डेटेड हो गए हैं. ये वो चेहरे हैं, जिन्हें संगठन में जगह तो मिली है, लेकिन कद और काठी के लिहाज से इन्हें कम आंका जा रहा है. दरअसल मामला कुछ यूं है कि आज कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया पांच दिवसीय प्रवास पर पहुंचे हैं. पुनिया मैराथन बैठक लेंगे. सत्ता के खिलाफ चलाए जाने वाले आंदोलनों की रणनीति तैयार करेंगे. संगठन के तमाम आला नेताओं की बैठकर लेकर जिम्मेदारियों सुनिश्चित करेंगे.

रायपुर पहुंचने के बाद पांच दिनों की कार्ययोजना को लेकर प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया, प्रभारी सचिव अरूण उरांव, कमलेश्वर पटेल और पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल की बैठक चल रही थी. इस बीच ही समन्वय समिति के सदस्य राजेंद्र तिवारी अचानक बगैर अनुमति उस कमरे में दाखिल हो गए, जहां बैठक चल रही थी. राजेंद्र तिवारी के बैठक में पहुंचने के बाद पीसीसी चीफ बघेल ने उन्हें बाहर जाने को कहा. इस दलील के साथ कि गोपनीय बैठक चल रही है. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इस बीच पी एल पुनिया ने भी राजेंद्र तिवारी से कहा कि- आपसे अभी आधे घंटे पहले ही मुलाकात हुई थी. आप से बाद में मिल लेंगे.

इसके बाद राजेंद्र तिवारी बाहर चले गए और शहर कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय के कमरे में बैठ गए. हालांकि राजेंद्र तिवारी ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि- ये सरासर झूठ हैं. मैं पुनिया जी के बुलावे पर पहुंचा था. ऐसी बातें जो फैलाई जा रही है, वह अफवाह हैं, ऐसे लोगों के बारे में कुछ कहना मेरे लिए शोभनीय नहीं होगा, ये छोटापन हैं. मैं समन्वय समिति का सदस्य हूं और मेरे लिए कोई रोकटोक नहीं है. वहां रूकने से काफी वक्त लगता. मुझसे जुड़ा कोई विषय भी नहीं था. इसलिए मैं विकास उपाध्याय के कमरे में बैठकर निकल गया.