कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के जरिये अवैध माइनिंग और परिवहन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। मामले में हाईकोर्ट ने अहम सुनवाई की। हाईकोर्ट ने अवैध उत्खनन और ट्रैक्टर ट्रालियों के जरिए परिवहन को गंभीरता से लेते हुए याचिका को NGT को फॉरवर्ड किया है। एडवोकेट अवधेश तोमर ने याचिका के माध्यम से एग्रीकल्चर बेस्ड ट्रैक्टर ट्रॉली सहित अन्य वाहनों के जरिये अवैध उत्खनन, उसके परिवहन पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की है।

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एग्रीकल्चर बेस्ड वाहन ट्रैक्टर ट्रॉली का कमर्शियल उपयोग

दरअसल सीनियर एडवोकेट अवधेश सिंह तोमर ने ग्वालियर हाईकोर्ट में हाल ही में एक याचिका दायर की थी। याचिका में प्रमुख सचिव खनिज समेत, परिवहन आयुक्त, ग्वालियर-चम्बल संभाग के कलेक्टर्स, SP को पार्टी बनाया था। याचिका में तर्क दिया गया था कि ट्रैक्टर ट्रॉली एग्रीकल्चर बेस्ड वाहन है, लेकिन इसका कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है, खासकर खनिज संपदा का अवैध उत्खनन कर ट्रैक्टर ट्राली के जरिए उसका धड़ल्ले से परिवहन भी किया जा रहा है।

ट्रैक्टर ट्रॉली से फॉर्च्यूनर की टक्कर में 5 युवकों की मौत

ऐसे में इस पर रोक लगने की मांग याचिका के जरिए की गई। हाइकोर्ट में यह भी बताया गया कि दो हफ्ता पहले ही अवैध रेत की ट्रैक्टर ट्रॉली से फॉर्च्यूनर की टक्कर हुई थी। इस हादसे में कार सवार पांच युवकों की स्पॉट पर ही मौत हो गयी थी। ऐसे में हाईकोर्ट ने सभी दलीलों को सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई NGT को फॉरवर्ड की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि NGT इस मामले की सुनवाई करते हुए सख्त कार्रवाई जरूर करेगी।

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