अयोध्या। प्रख्यात वैदिक विद्वान वेद मूर्ति देव व्रत महेश रेखे शनिवार को धर्म नगरी अयोध्या पहुंचे। जहां देवव्रत महेश रेखे के आगमन पर साधु-संतों, महंतों और विद्वान समाज ने उनका भव्य स्वागत किया। उनके अयोध्या पहुंचने की खबर मिलते ही संत समुदाय और वैदिक परंपरा से जुड़े लोगों में उत्साह का माहौल देखने को मिला।
महानगर के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी की ओर से तुलसी उद्यान पार्क में उनके सम्मान में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक परंपरा के अनुसार मंगलमय मंत्रोच्चार के साथ हुई। वैदिक विद्वानों ने मंत्रों की ध्वनि के बीच वेद मूर्ति देव व्रत महेश रेखे का माल्यार्पण कर उनका अभिनंदन किया।
समारोह में साधु-संतों, विभिन्न अखाड़ों के महंतों और वैदिक विद्या से जुड़े अनेक विद्वानों ने भाग लिया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि देव व्रत महेश रेखे ने वेदाध्ययन और वैदिक परंपरा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसकी वजह से नई पीढ़ी में वेदविद्या के प्रति रुचि बढ़ रही है।
महाराष्ट्र के 19 वर्षीय देवव्रत रेखे ने काशी में 50 दिनों तक लगातार ‘दण्डकर्म पारायणम्’ का पाठ कर वैदिक परंपरा को जीवित किया। देवव्रत ने शुक्ल यजुर्वेद के 2000 मंत्रों का उच्चारण प्रतिदिन सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक बिना रुके किया, जो एक कठिन साधना है। ‘दण्डक्रम’ में प्रत्येक मंत्र को 11 अलग-अलग तरीकों से दोहराना शामिल है, जिसे 200 साल बाद देवव्रत ने फिर से शुरू किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवव्रत की इस असाधारण उपलब्धि की सराहना की।
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