कमल वर्मा, ग्वालियर/आरिफ शेख, श्योपुर। मध्य प्रदेश से एक दुख:द खबर है। देर रात सड़क हादसे में चीते के शावक की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दो चीते श्योपुर से ग्वालियर जिले की सीमा पर पहुंच गए थे। फिलहाल वन विभाग की टीम ने चीते की बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। वहीं वन्य जीव अधिनियम के तहत वाहन चालक पर मामला दर्ज किया जाएगा।
श्योपुर से निकलकर पहुंचे थे ग्वालियर
ग्वालियर के घाटीगांव के पास शनिवार की रात मादा चीता गामिनी के 10 महीने के शावक की मौत हो गई। अज्ञात वाहन की टक्कर से जान चली गई। सीसीएएफ उत्तम शर्मा ने चीते की मौत की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि दो चीते श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से निकलकर ग्वालियर जिले की सीमा पर पहुंचे थे। पिछले करीब 15 दिनों से ग्वालियर के डबरा, घाटीगांव समेत अन्य इलाकों में थे।
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ट्रैकिंग टीम की लापरवाही
चीता ट्रेकिंग टीम की लापरवाही से यह हादसा हुआ। अगर ठीक से निगरानी की होती, तो दोनों चीतों को जान गवानी नहीं पड़ती। वन विभाग 24 घंटे चीतों की निगरानी करने का दावा करता है, लेकिन हर बार मौत होने के घंटों बाद ट्रैकिंग टीम को जानकारी मिलती है। अगर टीम मौके पर होती तो चीते को हाइवे से निकालने तक हाइवे ब्लॉक कर देती।
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तीन दिन में दो चीते की मौत
आपको बता दें कि एमपी में बीते तीन दिन के अंदर दो चीतों की मौत हो चुकी हैं। अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता वीरा और उसके 2 शावकों को खुले जंगल में घूमने के लिए छोड़ा था। लेकिन तभी वह अपनी मां से बिछड़ गया था। शुक्रवार 5 दिसंबर को शावक मृत अवस्था में मिला था।
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