रायपुर। छत्तीसगढ़ में जमीन की नई गाइडलाइन दरों का प्रदेशभर में विरोध के बाद आज सरकार ने संशोधित गाइडलाइन जारी किया है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर निशाना साधा है। बघेल ने ट्वीट कर कहा है कि गाइडलाइन दरों में अभी सुधार कहां हुआ? जब तक अनाप-शनाप बढ़ाई गई गाइडलाइन दरों को नहीं सुधारा जाएगा, काम नहीं बनेगा.
भूपेश बघेल ने कहा है कि यह सुधार सतही है और जनता को बहुत कम राहत देने वाला है. दरअसल अभी गाइडलाइन की दरों में सुधार नहीं हुआ है. बस एक जबरदस्ती थोपे गए नियम को वापस लिया गया है. थोड़े बहुत और परिवर्तन हुए हैं वे बहुत असरकारी नहीं है. जब तक अनापशनाप बढ़ाई गई गाइडलाइन दरों को नहीं सुधारा जाएगा, काम नहीं बनेगा. जनता पर प्रॉपर्टी टैक्स का जो बोझ आने वाला है वह तो अभी बरकरार दिखता है. सरकार को और संशोधन करना पड़ेगा और वह मजबूर होकर करेगी, लिखकर रखिए.

केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड में लिए गए निर्णय
बैठक में निर्णय लिया गया कि नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों की इंक्रीमेंटल आधार पर गणना की वर्तमान प्रणाली को समाप्त कर दिया जाए। अब पुनः पूर्व प्रचलित उपबंध लागू होंगे, जिसके तहत नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन किया जाएगा। इस बदलाव से मूल्यांकन प्रक्रिया सरल होने के साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
बहुमंजिला भवनों में फ्लैट, दुकान एवं कार्यालय के अंतरण पर सुपर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना का प्रावधान भी हटा दिया गया है। अब मूल्यांकन बिल्ट-अप एरिया के आधार पर किया जाएगा। यह प्रावधान मध्यप्रदेश शासन के समय से लागू था, जिसे बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। नए प्रावधान से वर्टिकल डेवलपमेंट को गति मिलेगी और शहरी भूमि का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा।
केंद्रीय बोर्ड ने बहुमंजिला भवनों एवं कमर्शियल कॉम्प्लेक्स के लिए मूल्यांकन में छूट के नए प्रावधान भी लागू किए हैं। अब बेसमेंट और प्रथम तल पर 10 प्रतिशत तथा द्वितीय तल एवं उससे ऊपर के तल पर 20 प्रतिशत की कमी के साथ मूल्यांकन किया जाएगा। इस निर्णय से मध्यम वर्ग को किफायती दरों पर फ्लैट और व्यावसायिक स्थान मिलने में मदद मिलेगी।
कमर्शियल कॉम्प्लेक्सों में 20 मीटर से अधिक दूरी पर स्थित संपत्तियों के लिए 25 प्रतिशत कमी के साथ भूखंड की दरों का मूल्यांकन किया जाएगा। 20 मीटर की दूरी का आकलन मुख्य मार्ग की ओर से निर्मित हिस्से से किया जाएगा, जिससे वास्तविक स्थिति के आधार पर अधिक न्यायसंगत मूल्यांकन संभव होगा।
केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड ने जिला मूल्यांकन समितियों को यह भी निर्देशित किया है कि हाल ही में दरों में वृद्धि के बाद प्राप्त आपत्तियों, ज्ञापनों और सुझावों का परीक्षण कर 31 दिसंबर तक गाइडलाइन दरों में पुनरीक्षण के प्रस्ताव भेजें। इन प्रस्तावों का विश्लेषण कर बोर्ड आगामी गाइडलाइन दरों पर अंतिम निर्णय लेगा।
इन सभी निर्णयों को तत्काल प्रभाव से लागू घोषित किया गया है, जिससे राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर में स्थिरता, पारदर्शिता और किफायती आवास उपलब्ध कराने के प्रयासों को नई दिशा मिलेगी।
जरूरत पड़ी तो करेंगे बदलाव – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रविवार को अपने बयान में कहा था कि गाइडलाइन दरों को लेकर अभी भी विभागीय मंथन जारी है और जरूरत पड़ने पर सरकार इसमें पुनर्विचार करने के लिए तैयार है।
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