Rajasthan News: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने पीड़िता की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को रद्द करने की मांग की गई थी. इस आदेश के बाद आसाराम की जमानत पर रिहाई जारी रहेगी.

पीड़िता की ओर से वकील शोभा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि आसाराम पर गंभीर आरोप हैं और मेडिकल आधार पर मिली राहत का उन्होंने दुरुपयोग किया है. उन्होंने दावा किया कि जमानत की शर्तों के बावजूद आसाराम सार्वजनिक गतिविधियों में शामिल होते रहे और हाईकोर्ट ने इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया. उनका कहना था कि आसाराम की मेडिकल स्थिति ऐसी नहीं है कि उन्हें इतनी राहत दी जाए.
राजस्थान सरकार की ओर से एएजी शिव मंगल शर्मा और वकील सोनाली गौर ने भी पीड़िता का पक्ष रखते हुए कहा कि शर्तों के उल्लंघन और लंबित अपील को देखते हुए जमानत वापस ली जानी चाहिए. दूसरी ओर, आसाराम की ओर से वकील देवदत्त कामत ने जमानत आदेश का बचाव किया.
सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने साफ किया कि वह हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेगी. अदालत ने जमानत को बरकरार रखते हुए याचिका खारिज कर दी.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट से कहा कि आसाराम की लंबित अपील पर जल्द सुनवाई कर तीन महीने के भीतर फैसला सुनाया जाए. बता दें कि आसाराम को 15 अप्रैल 2018 को एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके विरुद्ध आसाराम ने भी राजस्थान हाई कोर्ट में अपील की थी और यह याचिका पिछले सात सालों से विचाराधीन है.
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