Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने जल जीवन मिशन के टेंडरों में अनियमितताओं के आरोपों पर बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव समेत छह वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-ए के तहत विस्तृत जांच की अनुमति दे दी है। यह फैसला ACB और ED की चल रही पड़ताल के बीच लिया गया।

जानें क्या है मामला
जल जीवन मिशन के टेंडर प्रक्रिया में तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन से जुड़े स्तरों पर गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई थीं। आरोप है कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से टेंडर में हेरफेर हुआ। इसी आधार पर मुख्यमंत्री ने चीफ इंजीनियर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, सुप्रीटेंडिंग इंजीनियर, टेक्निकल मेंबर और सचिव स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई को हरी झंडी दी है। सरकार का कहना है कि दोषियों को बचने नहीं दिया जाएगा।
एक IAS अधिकारी पर भी जांच
राज्य सरकार ने एक अन्य IAS अधिकारी के खिलाफ अखिल भारतीय सेवाएं नियम 1969 के नियम 8 के तहत नई जांच की प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दी है। आरोप है कि उन्होंने अपने दायित्वों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही बरती।
राजस्थान सिविल सेवा नियमों के तहत पांच अधिकारियों की पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं, यानी पहले दिए गए दंड अब भी प्रभावी रहेंगे। वहीं, सीसीए नियम 16 के तहत दो सेवानिवृत्त अधिकारियों के खिलाफ प्रमाणित जांच रिपोर्ट को भी मंजूरी दी गई है, ताकि आगे की कार्रवाई बढ़ाई जा सके।
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