Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन आज काफी हंगामे के आसार हैं. लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में वंदे मातरम को लेकर चर्चा जारी है. चर्चा में हिस्सा लेते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू पर वंदे मातरम के टुकड़े करने का आरोप लगाया. गृहमंत्री शाह ने कहा कि, जब वंदे मातरम के पचास साल हुए, देश आजाद नहीं था. स्वर्ण जयंती 1937 में हुई, तब जवाहर लाल नेहरू ने इसके दो टुकड़े कर दिए और दो अंतरों तक सीमित कर दिया. उन्होंने कहा वंदे मातरम की गान की चर्चा को टालने की मानसकिता कांग्रेस की है. गृहमंत्री शाह के आक्रामक बयान का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, मैं 60 सालों से यही गीत गा रहा हूं. वंदे मातरम् नहीं गाने वालों ने अभी शुरूआत की है.
अमित शाह ने क्या कहा ?
राज्यसभा में चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि भारत माता की संतानें मानते हैं कि ये देश जमीन का टुकड़ा नहीं, हम उसे मां के रूप में देखते हैं. मातृभूमि से ज्यादा कुछ नहीं हो सकता. इस पुरातन भाव को बंकिम बाबू ने पुनर्जीवित किया. महर्षि अरविंद ने वंदे मातरम को गीत नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शक्ति को जगाने वाला बताया. भारत की सनातन शक्ति को पुनर्जीवित करने का मंत्र है वंदे मातरम.
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा- कांग्रेस के जिस जिस सांसद ने वंदे मातरम् नहीं गाने पर बयान दिया. सदन से बाहर चले गए, मैं इसकी लिस्ट आज शाम तक सदन के पटल पर रख दूंगा. इस सदन के चर्चा के रिकॉर्ड में रहना चाहिए कि कांग्रेस के सांसद वंदे मातरम् का विरोध करते हैं बंकिम चंद्र की 130वीं जयंती पर हमारी सरकार ने एक स्टांप जारी किया. आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर हर घर तिरंगा अभियान भी हमने शुरू किया और आह्वान किया था तिरंगा फहराते वक्त वंदे मातरम् का कहना भूलना नहीं है.
अमित शाह ने कहा, जिस गान को गांधी ने राष्ट्र की शुद्धतम आत्मा से जुड़ा गीत कहा, वो वंदे मातरम् का टुकड़ा करने का काम कांग्रेस ने किया. वंदे मातरम् ने आजादी के आंदोलन को गति दी. श्यामजी कृष्ण वर्मा, मैडम भीखाजी कामा और वीर सावरकर ने भारत का त्रिवर्ण ध्वज निर्मित किया था, उस पर भी स्वर्णिम अक्षर में एक ही नाम लिखा था- वंदे मातरम्. भारतीय जनता पार्टी का एक भी सदस्य वंदे मातरम् गान के समय सम्मान के साथ खड़ा न हो ऐसा हो ही नहीं सकता.
कांग्रेस अध्यक्ष ने क्या कहा ?
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वंदे मातरम् की चर्चा में हिस्सा लिया. उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के बयानों पर उनका पलटवार किया. स्पीच शुरू करने से पहले खड़गे ने वंदे मातरम्,के नारे लगाए. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री के बोलने के बाद मुझे समय दिया, सभापति का इसके लिए धन्यवाद. मैं सौभाग्यशाली हूं. मैं 60 सालों से यही गीत गा रहा हूं. वंदे मातरम् नहीं गाने वालों ने अभी शुरूआत की है. कांग्रेस की तरह से बंकिमजी को नमन करता हूं. आजादी के आंदोलन में जिन लोगों ने बलिदान दिया, उनको भी नमन है. 1896 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में रविन्द्रनाथ टैगोर ने पहली बार वंदे मातरम् गाया था.
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