पटना। बिहार में होने वाला पंचायत चुनाव ऐतिहासिक होने जा रहे हैं। पहली बार सभी छह पदों पर मतदान पूरी तरह ईवीएम से कराया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम खरीद के लिए सरकार से अनुमति मांग ली है और मंजूरी मिलते ही खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

EVM का होगा उपयोग

राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव के लिए लगभग 32 हजार से ज्यादा M3 मॉडल ईवीएम खरीदेगा। पंचायती राज विभाग को भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही मशीनों की खरीदारी आगे बढ़ेगी।

200 करोड़ से अधिक खर्च

ईवीएम से चुनाव कराने पर खर्च बढ़ना तय है। आयोग को अभी 200 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल चुकी है। चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और तेज नतीजों के लिए इस राशि का उपयोग किया जाएगा।

2021 से काफी अलग होगा चुनाव

इस बार का चुनाव 2021 की तुलना में बिल्कुल अलग होगा। रियल टाइम रिपोर्टिंग कम चरणों में मतदान और तकनीक आधारित प्रक्रिया इसे अधिक पारदर्शी बनाएगी।

आरक्षण और परिसीमन में बड़े बदलाव

पंचायत क्षेत्रों का नया परिसीमन किया जा रहा है। साथ ही सभी पदों के लिए आरक्षण रोस्टर बदला जाएगा। कई सीटों पर श्रेणी परिवर्तन होगा सामान्य से आरक्षित और ओबीसी से एससी/ईडब्ल्यूएस जैसी अदला-बदली संभव है।

M3 मॉडल EVM का उपयोग

चुनाव नवीनतम M3 ईवीएम से होंगे जिसमें 24 बैलेट यूनिट और 384 प्रत्याशियों तक की क्षमता है। एक कंट्रोल यूनिट से सभी छह पदों के लिए बैलेट यूनिट जुड़ेंगे।

ECIL से होगी खरीद

नई मशीनें बेंगलुरु स्थित ECIL (Electronic Corporation of India Ltd.) से खरीदी जाएंगी। यह थर्ड-जेनरेशन की एडवांस्ड मशीनें हैं।

VVPAT नहीं, टोटलाइजर का इस्तेमाल

पंचायत चुनाव में VVPAT का उपयोग नहीं होगा। कुल वोट आंकने के लिए पहले की तरह टोटलाइजर यूनिट का प्रयोग किया जाएगा।

कीमत और पद

एक M3 ईवीएम की कीमत लगभग 20,000 रुपए है। चुनाव में मुखिया पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, वार्ड सदस्य, सरपंच और पंच कुल छह पदों के लिए अलग-अलग वोट डाले जाएंगे।