सत्यपाल सिंह,रायपुर। कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की प्रदेश स्तरीय बैठक में ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ सर्वसम्मति से 20 नवंबर को धरना-प्रदर्शन का निर्णय लिया गया है. कैट की यह बैठक रायपुर के वृन्दावन भवन में की गई.
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि देशभर में व्यापारिक समुदाय अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ़ जो कानून को दरकिनार कर सरकार की एफ़डीआई नीति के प्रेस नोट नम्बर 2 का उल्लंघन कर रही हैं. उनके खिलाफ एक आक्रामक आंदोलन शुरू कर रही है. कैट के तत्वाधान में 10 नवम्बर को नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय व्यापारी सम्मलेन में देश के 27 राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं ने एक स्वर से कहा कि अमेज़न, फ्लिपकार्ट और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के ख़िलाफ़ एक मजबूत लड़ाई छेड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.
इसी कड़ी में आज गुरुवार को प्रदेश की बैठक में कैट द्वारा यह तय किया गया कि 20 नवंबर को बूढ़ापारा धरना स्थल पर प्रदर्शन कर अपनी मांगों को रखा जाएगा. साथ ही देश के सभी 543 लोकसभा सांसद व राज्यसभा सांसदों को भी ज्ञापन सौंपा गया है. जिसे आने वाले सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रख जाएगा.
प्रदेश प्रवक्ता राजकुमार राठी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ई-कॉमर्स कंपनीया जैसे कि पहले ईस्ट इंडिया कंपनी देश में व्यापार करने के नाम पर आई थी और बाद में देश को गुलाम बना लिया. इसी तर्ज पर ई-कॉमर्स को देश के 40 करोड़ व्यापारियों को बेरोज़गार बनाकर देश में आर्थिक अराजकता की स्थिति पैदा करके देश को आर्थिक रूप से गुलाम बनाने चाहती है, पर कैट ऐसा होने नही देगी. इसी कड़ी में 25 नवंबर को व्यापारियों द्वारा विशाल रैली निकालकर ई-कॉमर्स कंपनियों का विरोध किया जाएगा एवं आगे की रणनीति कैट की राष्ट्रीय इकाई द्वारा तय की जाएगी.