लखनऊ. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं को खास मैसेज देते हुए एसआईआर प्रक्रिया में योगदान देने पर सराहना की है. अखिलेश यादव ने कहा, प्रिय पीडीए प्रहरियों, उप्र का हर एक ‘पीडीए प्रहरी’ बधाई का पात्र है, जो एक-एक वोट के लिए दिन-रात एक करके अपना लोकतांत्रिक कर्तव्य निभा रहा है.

अखिलेश यादव ने कहा, हम हर एक ‘पीडीए प्रहरी’ को ‘प्रशस्ति पत्र’ देकर उनके ऐतिहासिक योगदान को इतिहास में दर्ज़ कर देंगे और दुनिया को बताएंगे कि जब प्रभुत्ववादी ताक़तें भारत की चुनावी प्रक्रिया को अपहृत करने की कोशिश कर रही थीं, तब ऐसे में किस तरह पीडीए प्रहरियों के रूप में हर बूथ पर हमारे बीएलए, सेक्टर लेवल कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, नेताओं ने अपने फ़र्ज़ को निभाया और लोकतंत्र में वोट डालने के अधिकार को बचाया. इनमें से हर एक व्यक्तिगत रूप से बधाई का सुयोग्य पात्र है. इस कड़ी में हम उन बीएलओ को भी ऐतिहासिक बधाई का पात्र मानते हैं, जिन्होंने अपना सब कुछ दांव पर लगाकर अपना कर्तव्य बेहद ईमानदारी से निभाया है. इस कार्य के दौरान विभिन्न दबावों की वजह से जिन लोगों ने अपनों को गंवाया है उन परिवारों के साथ हम हमेशा पूरी संवेदना के साथ रहे हैं और रहेंगे.

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आगे कहा कि ऐसे में ये भी याद रखना है कि SIR के मैपिंग एप की कमियों की वजह से जो करोड़ों लोग वोट से वंचित होने की कगार पर खड़े हैं, हमें उनके भी हक़ का वोट बनवाना ही होगा. इसकी ओर चुनाव आयोग और न्यायलय तक का ध्यानाकर्षण करवाना होगा और ज़मीन पर उतरकर वंचित वोटरों के बीच जाकर जागरुकता अभियान भी चलाना होगा, संघर्ष भी करना होगा और जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करना पड़ेगा, क्योंकि ‘वोट का अधिकार ही, हमारे हर अधिकार का आधार है’. समझ लीजिए कि पीडीए प्रहरियों के काम का पहला पड़ाव ही अभी पूरा हो रहा है. सफर अभी बाकी है, संघर्ष अभी बाकी है!

आगे उन्होंने ये भी कहा कि पीडीए प्रहरियों ने एक असंभव से लगने वाले काम को जिस अनुशासन, लगन और शांतिपूर्ण तरीक़े से कर दिखाया है, वो उन दलों के लिए प्रेरणा भी बन रहा है जो हमेशा सत्ता का दुरुपयोग करना चाहते हैं. साथ ही पीडीए प्रहरियों का ये शानदार काम, उनके लिए खुली चुनौती भी बन गया है. इस अथक प्रयास ने साबित कर दिया है कि जिस दल के पास अनुशासनबद्ध, कर्तव्यनिष्ठ, समर्पित कार्यकर्ता होते हैं वो इतिहास को नई दिशा देने की क्षमता रखते हैं. ईमानदारी और सत्यनिष्ठा के साथ संगठन की शक्ति जब जुड़ती है और जब शोषित-वंचित, दमित समाज एक साथ उठ खड़ा होता है तो ‘मूक क्रांति’ मुखर हो उठती है.

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आगे कहा कि हमारे आह्वान और अपील पर, पीडीए प्रहरियों के सद्प्रयासों से पीड़ा के एकसूत्र में बंधे पीडीए समाज ने अपना वोट बनवाकर चुनाव जीतने की मजबूत बुनियाद बना ली है, इसी पर ‘पीडीए सरकार’ की इमारत बुलंद होगी. हर पीड़ित, दुखी और अपमानित अब एकजुट होकर ‘अपनी पीडीए सरकार’ बनाने के लिए कटिबद्ध भी है और संकल्पबद्ध भी.

हमें पीडीए की एकता का ये सूत्र हमेशा याद रखना है : ‘जो पीड़ित, वो पीडीए!’

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि आइए अब हम सब मिलकर एक ऐसे सुनहरे भविष्य के निर्माण का संकल्प लें जो ‘समता-समानता, गरिमा और सौहार्द’ से भरा होगा, जो ‘सामाजिक न्याय का राज‘ लाने में सक्षम होगा, जिसमें सबको समर्थ और सशक्त बनने का बराबर मौका होगा, जिसमें वर्चस्व की नहीं सर्वत्र समानता की सकारात्मक भावना होगी, जो किसी का शोषण या अपमान नहीं करेगा बल्कि आपसदारी और भागीदारी से हर कमज़ोर की मदद करेगा और जिओ और जीने दो की सह अस्तित्वकारी भावना के साथ, भाईचारे और स्नेह से भरे समाज के सपने को साकार करेगा. आइए ‘प्रेम, दया और अपनेपन’ का पीडीए समाज बनाएं; जिसमें सब ख़ुश रहें, सब मुस्कुराएं!