अनुराग शर्मा, सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास निर्माणाधीन ब्रिज में हो रही अनीयमित्ताओं को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजीव गुजराती के नेतृत्व में गुरुवार को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से आवेर ब्रिज हुई गंभीर लापरवाही व जनहित में ब्रिज के दोनों सर्विस रोड के बारे में बताया गया, एवं सोया हुआ ब्रिज कॉरपोरेशन और आंख पर पट्टी बांधे सरकार और कुम्भकरण रूपी ब्रिज निर्माण कम्पनी के आगे बीन बजाकर जगाने की कोशिश की गई।
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गुजराती ने मौके पर उपस्थित पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि ब्रिज कॉर्पोरेशन ने बिना जमीनी सर्वे किये गलत डिजाइन बनाई और उसके बाद ड्राइंग बार-बार क्यों बदली गई, इसका आज तक कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया। निजी भूमि न लगने का दावा गलत साबित हुआ और 3000 वर्ग फीट भूमि अधिग्रहण शुरू हो चुका है। हमारी मांग है कि अधिग्रहण बढ़ाकर 5000 वर्ग फिट किया जाए और सर्विस रोड दी जाए ताकि जनता को स्थायी राहत मिले।
गुजराती ने बताया कि निर्माण से पहले सर्विस रोड न बनने से लोग दो साल से गड्ढों, धूल और दुर्घटनाओं से परेशान हैं। नगर पालिका से अनुमति भी नहीं ली गई और मुख्य मार्ग बंद कर दिया गया। प्रदर्शन/नुक्कड़ नाटक के माध्यम से हमने लापरवाही पर कार्रवाई और जनता की समस्या के त्वरित समाधान की मांग दोहराई है।
कांग्रेस ने बताए तथ्य
ब्रिज निर्माण हेतु कार्य दिसंबर 2023 में पीडब्ल्युडी सेतु विभाग द्वारा जारी किया गया एवं जनवरी 2024 से स्थल पर निर्माण प्रारम्भ हो गया, इस समय तक निर्माण विभाग को निजी भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि ब्रिज सितंबर 2023 के लेआउट के अनुसार बनना था और ब्रिज हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पहुंच मार्ग से पहले, अर्थात नरेश माधुर जी के घर के सामने ही खत्म हो रहा था एवं निर्माण विभाग द्वारा भी उसी के अनुसार कार्य प्रारंभ किया था।
अप्रैल 2024 में पता नहीं किस कारण से पुन: ड्राइंग बदल दी गई, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के रास्ते को बंद करना प्रस्तावित किया किन्तु कोई विकल्प नहीं सोचा और चालू काम में तोडफ़ोड़ करके उसको घुमाते हुए निजी जमीन तक पहुंचा दिया गया। बाद में सेतु निगम जागा कि यहां तो आगे तो निजी भूमि है। पहुंच मार्ग पर दीवार बनाते हुए सितंबर 2025 तक निजी भूमि के पास पहुंचकर रुक जाता है, इस बीच हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी एवं उससे लगी अन्य सभी कॉलोनियों के निवासी निरंतर शासन, प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को मौखिक व लिखित कार्यालय में मौके पर जब जहां जैसे मिले सबको समस्या बताते रहे कि हमारा पहुंच मार्ग बंद हो गया विकल्प उचित नहीं है। बरसात में कई लोग गिरे भी फिसले भी, धरना दिया आंदोलन किया, किसी ने कोई जवाब नहीं दिया।
अक्टूबर को पता चलता है कि ब्रिज निर्माण में आ रही बाधा को दूर करने के लिए निजी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। मतलब अब निर्माण विभाग को भू अर्जन आवश्यक लगा। योजना बनने के पहले निर्माण विभाग ने कौन सी भूमि पर निर्माण होना था, क्योकि डीपीआर में भूअर्जन प्रस्तावित नहीं है। निर्माण के दौरान लेआउट में परिवर्तन क्यों किया गया। उत्तर दिशा स्थित कॉलोनियों के निवासियों की पहुंच मार्ग की समस्या का निराकरण क्यों नहीं किया जा रहा। इसे लेकर गुरुवार को कांग्रेस ने नुक्कड़ नाटक कर विरोध जताया।
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