केंद्र सरकार देश में अपराध करने के बाद विदेशों में छिपे व्हाइट-कॉलर अपराधियों जैसे विजय माल्या(Vijay Malya) और नीरव मोदी(Nirav Modi) को प्रत्यर्पित कर भारत लाने की तैयारी में है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली की तिहाड़ जेल(Tihad Jail) में ऐसे हाई-प्रोफाइल आरोपियों को रखने के लिए दो नए हाई-सिक्योरिटी वार्ड तैयार किए गए हैं। ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) के निरीक्षण और उनके निर्देशों के बाद तिहाड़ जेल के नंबर 4 और 7 में ये विशेष हाई-सिक्योरिटी वार्ड तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही जल्द ही ब्रिटेन में बसे कई व्हाइट-कॉलर अपराधियों का नया ठिकाना तिहाड़ जेल बन सकता है।
तिहाड़ में बनाए गए ये वार्ड अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और संयुक्त राष्ट्र के नेल्सन मंडेला रूल्स तथा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों का पालन करते हैं। CPS अधिकारियों ने तिहाड़ प्रशासन को विशेष रूप से निर्देश दिया था कि इन वार्डों को कैदियों की सुरक्षा, उनकी दैनिक जरूरतों और उपचार संबंधी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाए, ताकि ब्रिटेन से प्रत्यर्पित होने वाले अपराधियों को सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा सकें।

हॉल के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को टेंडर जारी किया गया था और अब इस पर काम शुरू हो चुका है, जो जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। तिहाड़ में विकसित की गई ये अत्याधुनिक सुविधाएँ जेल की स्थिति को लेकर लंबे समय से उठ रही उन चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक थीं, जो प्रत्यर्पण प्रक्रिया में बार-बार बाधा बन रही थीं। कैदियों के बीमार होने की स्थिति में उनके लिए विशेष चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्था भी की गई है, ताकि उन्हें तुरंत और बेहतर उपचार मिल सके।
ये सहूलियतें होंगी
वार्ड में कैदियों के लिए पर्याप्त जगह, बेहतर वेंटिलेशन, प्राकृतिक रोशनी, उच्च स्तर की स्वच्छता और सैनिटेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, वार्ड नंबर तीन में ही एक ऑफिस स्पेस तैयार किया जा रहा है, जबकि ड्योढ़ी के पास नया इंटरैक्शन स्पेस बनाया जा रहा है, ताकि कैदियों की उनके वकीलों और अन्य अधिकृत व्यक्तियों से मुलाकात बिना किसी बाधा के हो सके।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल बनेगा
तिहाड़ प्रशासन ने हाई-प्रोफाइल कैदियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार, इन कैदियों को अदालत में पेशी के लिए बाहर न ले जाना पड़े, इसके लिए वार्ड नंबर 3 में एक अत्याधुनिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल बनाने की तैयारी शुरू की जा चुकी है। यह व्यवस्था अदालत की प्रक्रिया को सुरक्षित, तेज़ और अधिक सुगम बनाने में सहायक होगी।
इनका नया पता हो सकता है तिहाड़
भारत सरकार उन व्यक्तियों को प्रत्यर्पित कर वापस लाने की प्रक्रिया में तेजी ला रही है, जो देश में कथित आर्थिक घोटालों को अंजाम देने के बाद विदेशों में जाकर बस गए थे। इनमें विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी जैसे करीब आधा दर्जन हाई-प्रोफाइल आरोपी शामिल हैं। इनमें से कई ने ब्रिटेन में शरण ले रखी है। ब्रिटेन सरकार ने प्रत्यर्पण से पहले इन आरोपियों की सुरक्षा और हिरासत की परिस्थितियों को लेकर चिंता जताई थी, जिसके बाद भारत ने उनके लिए विशेष व्यवस्थाएँ करने पर जोर दिया है।
क्या हैं नेल्सन मंडेला रूल्स
संयुक्त राष्ट्र के नेल्सन मंडेला रूल्स जेलों में बंद व्यक्तियों के साथ किए जाने वाले व्यवहार और उनके मूल अधिकारों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक निर्धारित करते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2015 में इन्हें नेल्सन मंडेला के नाम पर औपचारिक रूप से अपनाया था। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य कैदियों के बुनियादी मानवाधिकारों की रक्षा करना, जेल प्रशासन में मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य सेवाओं, सुरक्षा और न्याय से जुड़े मानदंड स्थापित करना तथा कैदियों को किसी भी प्रकार के अमानवीय, अपमानजनक या क्रूर व्यवहार से सुरक्षित रखना है।
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