Rajasthan News: प्रदेश के हनुमानगढ़ के टिब्बी में इथेनॉल फैक्ट्री को लेकर बुधवार को हुई हिंसा की घटना के बाद पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारियों ने मौके पर डेरा डाल दिया है। टिब्बी थाने पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है इसके अलावा आंदोलनकारी किसानों के बीच भी लगातार आपस में मीटिंग का दौरा चल रहा है।

इस दौरान गुरुवार को प्रशासन की ओर से आंदोलनकारी किसानों को बातचीत के लिए बुलाया खबर लिखे जाने तक एसडीएम कार्यालय परिसर में पुलिस प्रशासन और आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत जारी एक तरफ आंदोलनकारी किसान प्रशासन से बातचीत कर रहे थे तो दूसरी तरफ अगर बातचीत में समझौता नहीं होता है तो फिर आगे की रणनीति तैयार करने के लिए किसानों के बीच लगातार बैठक भी आयोजित हो रही है स्थिति काफी तनावपूर्ण है।

हालांकि प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है लेकिन जिस तरह से किसान अपनी मांग को लेकर अटल हैं और बड़ी संख्या में गुरुवार को भी बड़ी संख्या में किसान धरना स्थल पर मौजूद थे और यहां किसानों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है इसलिए एडीजी क्राइम वीके सिंह संभागीय पुलिस आयुक्त हेमंत शर्मा संभागीय आयुक्त इत्यादि सभी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं वार्ताओं का दौर जारी है।

गुरुवार को जिला कलेक्टर ने आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत की है बातचीत के दौरान किसानों ने बुधवार को किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने की बात भी कही है गुरुवार को जो हिंसा हुई थी इस मामले में पुलिस ने 107 लोगों को अरेस्ट किया है इस मामले में दर्ज हुई पुलिस रिपोर्ट में कुछ विधायकों की भी नाम है इसलिए विधायकों से जुड़े मामलों को सीआईडीसीबी को जांच के लिए भेजा गया है।

बुधवार को फैक्ट्री में आंदोलनकारी की ओर से की गई हिंसक कार्रवाई से फैक्ट्री में भी काफी नुकसान हुआ है। इसलिए फैक्ट्री संचालकों ने भी पुलिस में मामला दर्ज करवाया है गुरुवार को श्रीकरणपुर विधायक रूबी भी आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में उनसे मिलने के लिए जा रहे थे, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके अलावा उनके कई समर्थकों को भी हिरासत में लिया गया हो किसानों का कहना है कि वह पिछले कई महीनो से आंदोलन कर रहे थे। अपनी समस्या को लेकर प्रशासन को भी अवगत करवाया था लेकिन प्रशासन ने उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया और उनके समस्याओं को सरकार तक भी नहीं पहुंचा इसलिए मजबूर होकर किसानों को फैक्ट्री की तरफ जाना पड़ा।

इस पूरे मामले पर प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा है कि जनप्रतिनिधियों के साथ पुलिस ने जो आचरण किया है वह ठीक नहीं है किसान अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। सरकार को उनकी बात सुनाई चाहिए थी उन्हें विश्वास में लेना चाहिए था लेकिन सरकार ने उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ें और लाठियां बरसाई पुलिस का बल प्रयोग ठीक नहीं है लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने का अधिकार है और किसान जिसे अन्नदाता कहा जाता है अगर उसी की नहीं सुनेंगे तो फिर किसकी सुनेंगे ।

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