जयपुर। सीएनजी के ट्रांसपोर्टेशन खर्चे के नाम पर जनता को लूटा जा रहा है. हालत यह है कि देश में सबसे महंगी सीएनजी चूरू और बीकानेर में बेची जा रही है. दोनों जिलों में ग्राहकों से प्रति किलो 18 रुपए तक ज्यादा वसूले जा रहे हैं.
गैसोनेट कंपनी के चूरू व बीकानेर में 11 पंप हैं. यहां ग्राहकों से 109.25 रु. प्रति किलो के हिसाब से सीएनजी रेट वसूल रहे हैं. वहीं, निकटवर्ती कस्बों सहित प्रदेशभर में सीएनजी 82.31 से 93.50 रु. किलो में ही बेची जा रही है.
चूरू के पड़ोसी शहर पिलानी व फतेहपुर में 91.41 रुपए किलो सीएनजी मिल रही है. रतनगढ़ से फतेहपुर की दूरी 35 किमी है. वहीं, पड़ोसी राज्य हरियाणा के झूंपा में 87.75 व लुहारू में 86.50 रुपए किलो में ही सीएनजी बेची जा रही है. कंपनी का तर्क- यहां पाइपलाइन नहीं होने से जयपुर से गैस मंगानी पड़ती है. ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ने से रेट ज्यादा है.

सरकार-कंपनियों को एक रेट बनाने की जरूरत
सीएनजी बेचने वाली कंपनियां सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं. इन कंपनियों को अलग-अलग क्षेत्र दे दिए जाते हैं. इन क्षेत्रों में वही कंपनी पंप देगी और काम कर सकेगी. कॉम्पीटिशन नहीं होने के कारण वे मोनोपॉली चलाकर अपने हिसाब से रेट तय कर लेते हैं. सरकार को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. एक ही स्टेट में रेट में इतना अंतर नहीं होना चाहिए.
अगर किसी कंपनी का ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा ज्यादा होता है, तो उसे दो-तीन रुपए बढ़ाने की इजाजत होनी चाहिए. सरकार व कंपनियों को रेट का एक ब्रिज बनाने की जरूरत है. आज की तारीख में 24 प्रतिशत सीएनजी बिक्री होती है. 18 प्रतिशत डीजल, 53 प्रतिशत डीजल व पांच प्रतिशत अन्य. सीएनजी गरीब का तेल है. एवरेज अच्छी है. लगातार पंप बढ़ रहे हैं.
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