RUSSIA INDIA NEWS: यूरोपीय रिसर्च सेंटर CREA ने एक रिपोर्ट में कहा कि Russian crude oil के मामले में India नवंबर में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा खरीदार रहा. इसके पहले भारत ने रूस से 2.5 अरब यूरो का कच्चा तेल खरीदा था. US President Donald Trump के 25 Percentage tariff का असर India-Russia के बीच तेल खरीद पर नहीं पड़ा. पिछले कुछ महीनों में भारत ने रिकॉर्ड स्तर पर Russian crude oil खरीदा. भारत का रूस से कच्चा तेल आयात नवंबर में  4  फीसदी बढ़कर पांच महीनों में सबसे अधिक 2.6 अरब यूरो तक पहुंच गया. इस तेल से रिफाइंड फ्यूल की बड़ी मात्रा  ऑस्ट्रेलिया को निर्यात की गई सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) ने कहा कि भारत का रूस से कच्चे तेल का आयात अक्टूबर की तुलना में 4 फीसदी बढ़ गया जबकि कुल आयात मात्रा लगभग स्थिर रही. यह पिछले पांच महीने में सर्वाधिक खरीद रही. संस्था का अनुमान है कि दिसंबर में भी यह खरीद बढ़ सकती है, क्योंकि रूसी तेल पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने से पहले कुछ ऑयल टैंकर रवाना हुए थे

अमेरिका ने 22 October को रूस की बड़ी तेल कंपनियों रोसनेफ्ट और ल्यूकऑयल पर प्रतिबंध लगा दिए थे. यूक्रेन युद्ध के लिए रूस की धन आपूर्ति सीमित करने के इरादे से यह पाबंदी लगाई गई थी. इन प्रतिबंधों के बाद Reliance Industries, HPCL, HPCL-Mittal Energy और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने रूसी तेल का आयात अस्थायी रूप से रोक दिया है. हालांकि Indian Oil Corporation जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां अब भी गैर-प्रतिबंधित रूसी आपूर्तिकर्ताओं से खरीद जारी रखे हुए हैं.

CREA ने कहा कि नवंबर में जहां निजी तेल कंपनियों के आयात में हल्की गिरावट आई, वहीं सरकारी तेल कंपनियों ने रूसी कच्चे तेल की खरीद 22 फीसदी बढ़ा दी. दुनिया का तीसरा सबसे  बड़ा  तेल  आयातक  भारत  2022  में  यूक्रेन  युद्ध  शुरू  होने के बाद रूस से रियायती दरों पर तेल खरीदने वाला सबसे बड़ा ग्राहक बन गया. कभी एक फीसदी से भी कम रहा रूसी तेल आयात का हिस्सा बढ़कर भारत के कुल तेल आयात का लगभग 40 फीसदी हो गया.

इनमें से लगभग 30.1 Crore करोड़ यूरो मूल्य के रिफाइंड तेल उत्पाद रूसी कच्चे तेल से बने थे. सीआरईए ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को निर्यात नवंबर में 69 फीसदी बढ़ा, जो पूरी तरह गुजरात स्थित जामनगर रिफाइनरी से भेजा गया. कनाडा ने भी आठ महीने बाद पहली बार रूसी तेल से बने ईंधन की खेप प्राप्त की.” यूरोपीय संघ ने रूसी कच्चे तेल से बने ईंधन पर प्रतिबंध लगा रखा है, जबकि ऑस्ट्रेलिया,कनाडा और अमेरिका ने अभी तक ऐसा प्रतिबंध नहीं लगाया है. गिरावट आने के बावजूद नवंबर महीने में रूस ने भारत की कुल कच्चे तेल आपूर्ति में 35 फीसदी का योगदान दिया. ईस कच्चे तेल को रिफाइन कर बनाए गए पेट्रोल,डीजल जैसे ईंधन को घरेलू उपयोग के साथ निर्यात भी किया जाता है.   सीआरईए ने कहा कि नवंबर में भारत और तुर्किये की छह रिफाइनरियों ने 80.7 करोड़ यूरो मूल्य के रिफाइंड ईंधन निर्यात किए. इनमें से 46.5 करोड़ यूरो यूरोपीय संघ, 11 करोड़ यूरो अमेरिका, 5.1 Crore Euro Britain,15 Crore Euro Auatralia और 31 करोड़ यूरो कनाडा को भेजे गए.

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