पटना। नीतीश सरकार में बिना किसी सदन के सदस्य चुने दीपक प्रकाश भाजपा कोटे से मंत्री पद की शपथ ले चुके है। खबर अब ये सामने आ रही है कि उनको विधान परिषद भेजा जाएगा। भाजपा ने तय किया है कि दीपक प्रकाश मंगल पांडेय की खाली हुई सीट पर MLC होंगे। राजनीति के जानकार बताते है कि दोनों पार्टियों के बीच इस पर सहमति बन गई है। हालांकि अभी इसकी कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। गौरतलब है कि दीपक प्रकाश राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं।

अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ देंगे ?

इस कदम के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या बेटे की खातिर उपेंद्र कुशवाहा अपनी राज्यसभा सदस्यता छोड़ देंगे। उपेंद्र को भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 में हार के बाद विवेक ठाकुर की जगह राज्यसभा भेजा था। उनका कार्यकाल अप्रैल 2026 में खत्म हो रहा है। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी उन्हें रिपीट करने की योजना नहीं बना रही है।

4 MLC चुनाव जीतकर विधायक बनाए

मंगल पांडेय की जगह दीपक को MLC बनाए जाने का कारण साफ है। 2025 के विधानसभा चुनाव में NDA ने 4 MLC चुनाव जीतकर विधायक बनाए हैं। इनमें भाजपा के सम्राट चौधरी और मंगल पांडेय शामिल है जबकि जदयू के राधा चरण सेठ और भगवान सिंह कुशवाहा भी MLC से MLA बने हैं। सम्राट चौधरी और भगवान सिंह का कार्यकाल जून 2026 में समाप्त होगा। मंगल पांडेय का कार्यकाल 2030 तक था। ऐसे में दीपक प्रकाश को MLC बनाकर वह 2030 तक विधान परिषद के सदस्य रहेंगे जिससे 5 साल तक मंत्री बने रहने में कोई बाधा नहीं होगी।

दो मुख्य कारण आए सामने

उपेंद्र कुशवाहा को रिपीट नहीं करने के दो मुख्य कारण हैं। पहला भाजपा पर परिवारवाद का आरोप न लगे। पॉलिटिकल एनालिस्ट अरुण पांडेय का कहना है कि वर्तमान चुनाव में परिवारवाद सबसे बड़ा मुद्दा रहा। उपेंद्र ने पहले अपनी पत्नी स्नेहलता को विधानसभा का टिकट दिया था और अब बेटे का नाम मंत्री पद के लिए आगे बढ़ाया गया है। दूसरा भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को अवसर देना चाहती है। उपेंद्र को पहले सवर्ण कोटे से राज्यसभा भेजा गया था और अब पार्टी इसी सीट पर किसी जमीनी कार्यकर्ता को भेज सकती है।

पार्टी क्या तय करती है

अब देखना ये है बीजेपी और RLM पार्टी के बीच क्या तय होता है। हालांकि पिछले कुछ दिनों से उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। पार्टी के दो बड़े नेता कुछ फैसलों से नाराज होकर अपना इस्तीफा दे दिया है और हाल ही में एक विधायक ने भी अंदरुनी कलह को सामने ला दिया है।