राजधानी दिल्ली के लोक नायक अस्पताल की मोर्चरी में एक महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन आत्मघाती हमलावर उमर उन-नबी के कुछ अवशेष अब भी अनक्लेम्ड पड़े हैं। इनमें उसका एक पैर का टुकड़ा और कुछ मांस के अवशेष शामिल हैं, जिन्हें अब तक कोई लेने नहीं आया। अस्पताल अधिकारियों के अनुसार, हमलावर के परिवार ने इन अवशेषों को लेने से इनकार कर दिया है। ऐसे में नियमानुसार आगे की प्रक्रिया को लेकर प्रशासन असमंजस की स्थिति में है और कानूनी दिशा-निर्देशों के तहत आगे की कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।

डॉक्टर के भेष में आतंकी था उमर

कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला उमर उन-नबी कोई साधारण व्यक्ति नहीं था। उसने वर्ष 2017 में श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। वह अविवाहित था और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहा।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान उमर ने श्रीनगर, अनंतनाग और फरीदाबाद के विभिन्न अस्पतालों में भी काम किया। एक पढ़ा-लिखा मेडिकल प्रोफेशनल होने के बावजूद, जांच एजेंसियों के अनुसार वह धीरे-धीरे कट्टरपंथी विचारधारा की ओर झुकता चला गया, जिसके पीछे एक खतरनाक साजिश छिपी हुई थी।

लाल किले के पास किया विस्फोट

10 नवंबर की सुबह करीब 8 बजे, उमर उन-नबी दिल्ली में दाखिल हुआ। वह अपनी हुंडई i20 कार में अकेला था। पूर्वी, मध्य और दक्षिणी दिल्ली में घूमने के बाद दोपहर में वह सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में पहुँचा। वहां करीब तीन घंटे कार में बैठा रहा, संभवतः अंतिम तैयारी कर रहा था। शाम साढ़े छह बजे पार्किंग से निकलते ही कुछ ही मिनटों बाद विस्फोट हो गया। जांच के दौरान प्राप्त सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा गया कि उमर पूरी घटना में अकेला ही था, और किसी अन्य व्यक्ति की मौजूदगी का कोई संकेत नहीं मिला।

DNA ने खोला राज

विस्फोट के बाद कार के टुकड़ों में से एक पैर का हिस्सा बरामद हुआ। शक उमर पर गया, जिसके बाद पुलवामा से उसकी मां और भाई को दिल्ली बुलाया गया। जांच में लिया गया डीएनए टेस्ट पुष्टि कर गया कि ये अवशेष उमर उन-नबी के ही थे। पुलिस ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगाले और फरीदाबाद से दिल्ली तक उसके रूट को ट्रेस किया। जांच के प्रारंभिक निष्कर्षों से यह संकेत मिला कि उमर एक बड़े आतंकवादी मॉड्यूल का हिस्सा था, जिसे पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।

डॉक्टरों का खतरनाक नेटवर्क

उमर उन-नबी, डॉक्टर मुजम्मिल शकील और अदील राथर का करीबी माना जाता था, जिन्हें अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 2800 किलो RDX के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के पास है। उमर के खिलाफ यूएपीए, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी इस जांच में NIA के साथ सहयोग कर रही है और लगातार फॉरेंसिक और तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

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