सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में मध्य भारत के पहले क्लीनिकल फॉरेंसिक लैब का शुभारंभ आज स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने किया। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह फॉरेंसिक लैब देश का 12वां लैब है। फॉरेंसिक जांच के लिए अब दिल्ली, मुंबई की निर्भरता खत्म होगी।

उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ अब दूसरे राज्यों का भी सहारा बनेगा। यहां जहर, नशा, ड्रग्स, अल्कोहल और मैट को लेकर आने वाले केस की जांच होगी। इस लैब की रिपोर्ट कोर्ट में सबूत के तौर पर मान्य होगी। रिपोर्ट की पेंडेंसी की वजह से सालों साल मामले की सुनवाई नहीं होती थी। अब मामलों की सुनवाई में भी तेजी आएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा महाविद्यालय के नवनिर्मित मुख्य प्रवेश द्वार का भी उद्घाटन किया।

अपराधिक मामलों के निराकरण में होगा सीधा फायदा

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, न्याय पालिका लोगों को न्याय देती है। आज के समय में अपराध की प्रकृति बदलती जा रही है, इसलिए आने वाले दिनों में यह देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में से एक होगा। यह अपराध के जांच और कार्रवाई में सटीक सूचना देने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि यह राज्य का ऐसा संस्थान है, जहां पर एफटीए पेपर द्वारा खून का नमूना डीएनए जांच के लिए रखा जाएगा। मेडिको लीगल केस के अंतर्गत किए जाने वाले इन सभी जांचों का सीधा फायदा पुलिस विभाग एवं न्यायालय को अपराधिक मामलों के निराकरण में होगा।

शराब के अलावा इन मादक पदार्थों के सेवन की भी होगी जांच

  1. एम्फ़ैटेमिन 2. बार्बिटुरेट्स 3. बेंजोडायजेपिन 4. कोकीन 5. मारिजुआना 6. मेथैम्फेटामाइन 7. ओपियोड (हेरोइन) 8. फेनसाइक्लिडीन (पीसीपी) 9. मॉर्फिन 10. मेथोडोन, 11. एक्सटेसी, 12. ट्राइसाइक्लिक एंटीडिप्रेसेंट

इस अवसर पर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के विधायक पुरंदर मिश्रा, दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुनील सोनी, चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विवेक चौधरी, अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर, फॉरेंसिक मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. स्निग्धा जैन, फॉरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. नागेंद्र सोनवानी, डॉ. शिवनारायण मांझी, डॉ. महेंद्र साहू (टॉक्सिकोलॉजिस्ट (Toxicologist), फॉरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. कमल साहू समेत विभाग के अन्य फैकल्टी मेंबर भी मौजूद रहे।