पटना। बिहार विधानसभा में विभिन्न समितियों के गठन को लेकर शनिवार को बड़ी घोषणा की गई। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार ने सदन की कुल 19 समितियों के सभापतियों और पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की। इस सूची में मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ और चर्चित विधायक भाई वीरेंद्र को लोक लेखा समिति का सभापति बनाया गया है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में राजद 25 सीटें जीतकर प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरा है, ऐसे में भाई वीरेंद्र को मिली यह जिम्मेदारी राजनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है।

लोक लेखा समिति का कार्यकाल

लोक लेखा समिति का कार्यकाल 31 मार्च 2027 तक निर्धारित किया गया है। इसी तरह पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा को प्राक्कलन समिति का सभापति नियुक्त किया गया है जिसका कार्यकाल भी 31 मार्च 2027 तक रहेगा। अन्य अधिकांश समितियों का कार्यकाल फिलहाल 31 मार्च 2026 तक रखा गया है।

समितियों की कमान सौंपी गई

विधानसभा की विभिन्न स्थायी समितियों की कमान कई पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ विधायकों को सौंपी गई है। हरि नारायण सिंह को सरकारी उपक्रम संबंधी समिति, जनक सिंह को याचिका समिति, दामोदर रावत को राजकीय आश्वासन समिति और अमरेंद्र पांडेय को प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति का प्रमुख बनाया गया है। शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को जिला परिषद एवं पंचायती राज समिति, संतोष कुमार निराला को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति तथा सिद्धार्थ सौरभ को निवेदन समिति का सभापति नियुक्त किया गया है।

इसके अलावा अश्वमेघ देवी को महिला एवं बाल विकास समिति, संजीव चौरसिया को आचार समिति, अवधेश सिंह को पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति, अख्तरुल ईमान को अल्पसंख्यक कल्याण समिति, मनोरंजन सिंह को पर्यटन उद्योग संबंधी समिति, रेणु देवी को बिहार विरासत विकास समिति और निशा सिंह को कारा सुधार समिति की जिम्मेदारी दी गई है। विधानसभा की नियम समिति, सामान्य प्रयोजन समिति और विशेष अधिकार समिति का गठन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार के सभापतित्व में किया गया है। इन समितियों का कार्यकाल 31 मार्च 2026 तक निर्धारित रहेगा।