Rajasthan News: ग्राम पंचायतों के मुख्यालय बदले जाने से जुड़े मामलों में राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित टोंक, धौलपुर और करौली के जिला कलेक्टरों को नोटिस जारी किया है। अदालत ने सभी पक्षों से 9 जनवरी तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

इन मामलों की सुनवाई वरिष्ठ न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह और न्यायाधीश रवि चिरानियां की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता कपिल प्रकाश माथुर को याचिकाओं की प्रतियां सौंपने के आदेश भी दिए।

करौली जिले के सेंगरपुरा ग्राम पंचायत के जगदीश सिंह, टोंक जिले की चावडिया ग्राम पंचायत के अर्जुन लाल बैरवा और धौलपुर जिले की चित्तौरा ग्राम पंचायत के मुन्ना लाल शर्मा ने एडवोकेट लक्ष्मीकांत शर्मा मालपुरा के माध्यम से याचिकाएं दायर की हैं।

याचिकाओं में बताया गया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने 10 जनवरी 2025 को पंचायतीराज अधिनियम की धारा 101 के तहत जिला कलेक्टरों से प्रस्ताव मांगे थे। इसके बावजूद राज्य सरकार ने 20 नवंबर 2025 को कथित तौर पर कलेक्टरों के प्रस्तावों को दरकिनार करते हुए ग्राम पंचायतों के मुख्यालय बदल दिए।

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि करौली जिले में पंचायत मुख्यालय को लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि विभागीय निर्देशों के अनुसार यह दूरी 5 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए थी।

याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि जिन ग्राम पंचायतों में पहले से सभी सरकारी कार्यालय मौजूद थे, वहां से मुख्यालय हटाकर बिना ठोस आधार के नई अधिसूचना जारी की गई, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

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