कुंदन कुमार/पटना। बिहार सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों की संपत्ति घोषणा को लेकर सख्त रुख अपनाया है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी सरकारी कर्मियों को हर हाल में अपनी चल और अचल संपत्तियों की सही पूरी और समयबद्ध जानकारी देनी होगी। तय समयसीमा का पालन नहीं करने पर वेतन रोकने के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

15 फरवरी तक अनिवार्य है संपत्ति विवरण

सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के अनुसार, अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी ने 15 फरवरी तक अपना संपत्ति विवरण जमा नहीं किया तो उसका वेतन रोक दिया जाएगा। साथ ही संबंधित कर्मियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

जांच एजेंसियों की भी रहेगी नजर

सरकार ने यह भी साफ किया है कि संपत्ति विवरणों पर जांच एजेंसियों की नजर रहेगी। किसी भी तरह की गलत या अधूरी जानकारी पाए जाने पर गंभीर कार्रवाई की जा सकती है। इसका उद्देश्य प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को और मजबूत करना है।

8 लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी दायरे में

इस फैसले के तहत बिहार सरकार के 8 लाख से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार 28 फरवरी तक प्राप्त सभी चल-अचल संपत्तियों और दायित्वों का विवरण सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।

31 मार्च तक वेबसाइट पर होगी सार्वजनिक जानकारी
सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी संबंधित विभाग अपने-अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के संपत्ति विवरण को 31 मार्च तक विभागीय वेबसाइट पर सार्वजनिक करें। इसके लिए वेतन निकासी की मंजूरी देने वाले अधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सभी विभागों को भेजा गया पत्र

इस पूरे मामले को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को आधिकारिक पत्र जारी कर दिया है और निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा है।