कुंदन कुमार/पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता एजाज अहमद ने एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बिहार में सत्ता पक्ष ने वोट हासिल करने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया। उन्होंने दावा किया कि नीतीश सरकार ने चुनाव के दौरान महिलाओं को आर्थिक लाभ देकर मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की, जिसे राजद रिश्वत करार दे रहा है।
तेजस्वी यादव के डर से बदली गई रणनीति
एजाज अहमद ने कहा कि तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता और जनसमर्थन से एनडीए सरकार घबरा गई थी। इसी डर के कारण जीविका योजना के तहत मिलने वाली राशि को महिलाओं के बजाय पुरुषों के खातों में भेजा गया। उनका आरोप है कि सरकार को आशंका थी कि महिलाएं यह समझ जाएंगी कि यह मदद नहीं बल्कि चुनावी लाभ के लिए दी जा रही राशि है।
जीविका योजना को लेकर उठे सवाल
राजद प्रवक्ता ने आगे कहा कि अब जीविका से जुड़े पुरुष लाभार्थियों को पत्र लिखकर पैसा वापस मांगा जा रहा है। यह पूरा घटनाक्रम अपने आप में कई सवाल खड़े करता है। उन्होंने दावा किया कि इससे साफ जाहिर होता है कि सरकारी योजनाओं को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।
चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल
एजाज अहमद ने चुनाव आयोग पर भी परोक्ष रूप से सवाल उठाते हुए कहा कि इस पूरे मामले में आयोग की भूमिका संदेह के घेरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग के सहयोग से ही सरकार ने वोट खरीदने की कोशिश की और अब इससे जुड़े सबूत धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं।
यह वोट चोरी है लोकतंत्र नहीं
राजद नेता ने कहा कि जनता सब समझ रही है और यह पूरा मामला वोट चोरी से कम नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर यही लोकतंत्र है तो यही वह परिभाषा है जिसे भाजपा और एनडीए के लोग जनता के सामने पेश कर रहे हैं।
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