बार चुनावों को लेकर गंभीर आरोप लगाने वाले एक वकील को दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi High Court) ने कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने वकील की फेसबुक पोस्ट पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियां न्यायपालिका और संस्थानों की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त शब्दों में टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह के आचरण वाले व्यक्ति को वकील बनने की योग्यता पर आत्ममंथन करना चाहिए। हालांकि, अदालत ने मामले में अवमानना की कार्यवाही शुरू करने से इनकार कर दिया, लेकिन संबंधित वकील को भविष्य में इस तरह की गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों से बचने की कड़ी चेतावनी दी है।
मामले की सुनवाई कर रहीं जस्टिस मिनी पुष्करणा ने वकील की आलोचना करते हुए टिप्पणी की कि ऐसी भाषा और आरोप वकील बनने के योग्य आचरण नहीं दर्शाते। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में अवमानना की कार्यवाही शुरू करने से इनकार कर दिया, लेकिन वकील को सख्त चेतावनी दी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि बार चुनावों में कथित गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोपों को सोशल मीडिया पर उछालने के बजाय उचित कानूनी मंच पर उठाया जाना चाहिए। न्यायालय ने वकील के आचरण पर विचार के लिए मामले को बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजने की बात भी कही है।
दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशन चुनावों से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने एक वकील की फेसबुक पोस्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है। वकील ने चुनाव में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाते हुए भड़काऊ पोस्ट की थी। जस्टिस मिनी पुष्करणा ने कहा, “अगर आप इस तरह की पोस्ट डालते हैं, तो आप वकील बनने के लायक ही नहीं हैं। चुनाव कभी भी दोस्ताना नहीं होते, खासतौर पर बार के। इससे आपको ये सब पोस्ट करने का अधिकार नहीं मिलता है। मैं इस मामले को बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पास भेजूंगी। ये सब क्या बकवास है। बार में ऐसे नेता नहीं होने चाहिए। कोर्ट आपके इस काम और सफाई से खुश नहीं है।”
दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशन चुनावों से जुड़े विवाद में पोस्ट करने वाले वकील की ओर से एडवोकेट महमूद पेश हुए और मुवक्किल की तरफ से बिना शर्त माफी मांगी। कोर्ट ने आदेश दिया कि वकील की सोशल मीडिया पोस्ट्स को तुरंत हटाया जाए। जस्टिस मिनी पुष्करणा ने कहा, “कोर्ट की गरिमा को बनाए रखना है। आप व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे कि पोस्ट डिलीट की जाएं। कोर्ट ये उम्मीद नहीं करता कि बार के नेता ऐसा करें।”
दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशन चुनावों से जुड़े विवाद में हाईकोर्ट ने वकील द्वारा फेसबुक पर की गई पोस्ट को गंभीरता से लिया है। हालांकि, वकील ने बिना शर्त माफी मांगी और इसे देखते हुए कोर्ट ने अवमानना की कार्यवाही नहीं की। कोर्ट ने आदेश दिया कि भविष्य में ऐसी कोई भी पोस्ट न की जाए, जिससे अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचे। जस्टिस मिनी पुष्करणा ने कहा कि वकील व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे कि सोशल मीडिया पर कोर्ट से संबंधित कोई पोस्ट न की जाए।
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