पटना। राजधानी पुलिस ने चंदन मिश्रा हत्याकांड के मुख्य आरोपी और कुख्यात अपराधी शेरू सिंह को पश्चिम बंगाल से पटना लाकर कड़ी सुरक्षा के बीच बेऊर जेल में बंद कर दिया है। बेऊर जेल के अधीक्षक नीरज झा ने इसकी आधिकारिक पुष्टि की है। पुलिस जांच में शेरू सिंह की भूमिका इस हत्याकांड में साजिशकर्ता के तौर पर सामने आई थी जिसका नाम गिरफ्तार शूटरों और अन्य बदमाशों ने पूछताछ के दौरान उजागर किया था।
100 पन्नों की चार्जशीट अदालत में पेश की
पटना पुलिस ने शेरू सिंह को इस मामले में अप्राथमिक अभियुक्त बनाया है। पुलिस द्वारा कोर्ट में दाखिल किए गए दस्तावेजों में चार्जशीट एफएसएल रिपोर्ट, फेस मैच रिपोर्ट डिजिटल साक्ष्य और सीसीटीवी फुटेज शामिल हैं। इस केस में पुलिस ने करीब 1000 पन्नों की केस डायरी और लगभग 100 पन्नों की चार्जशीट अदालत में पेश की है।
बवासीर के इलाज के लिए भर्ती था
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि यह हत्या दो गैंगस्टरों के बीच वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम थी। बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद गैंगस्टर ओमकार सिंह उर्फ शेरू सिंह ने अपने ही दोस्त चंदन मिश्रा की हत्या की साजिश रची थी। 17 जुलाई को चंदन मिश्रा को पारस अस्पताल में गोली मारी गई थी जहां वह बवासीर के इलाज के लिए भर्ती था।
स्थानीय शूटरों को सुपारी दी
जांच में यह भी सामने आया कि चंदन मिश्रा का इलाके में प्रभाव लगातार बढ़ रहा था जिससे शेरू सिंह को अपना वर्चस्व खत्म होने का डर सताने लगा था। जब चंदन इलाके में होता था तो शेरू के लोग वहां से भाग जाते थे। इसी वजह से शेरू ने चंदन की हत्या की योजना बनाई और स्थानीय शूटरों को सुपारी दी।
शेरू के करीबी नीशू को योजना बताई गई
हत्या की पूरी साजिश जेल से रची गई थी। शेरू के करीबी नीशू को योजना बताई गई, जिसने अपने ममेरे भाई तौसिफ उर्फ बादशाह के जरिए शेरू से संपर्क कराया। वारदात का नेतृत्व तौसिफ कर रहा था और हत्या से एक दिन पहले 16 जुलाई को भी शेरू से लगातार मोबाइल पर बातचीत हुई थी। घटना से पहले सभी शूटर नीशू के समनपुरा स्थित घर पर ठहरे हुए थे।
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