चंडीगढ़। बिजली प्रबंधन और इंजीनियरों के बीच टकराव गहराता जा रहा है। पीएसईबी इंजीनियर्स एसोसिएशन ने प्रबंधन पर आरोप लगाकर 18 दिसंबर से आंदोलन की घोषणा की है। इस दिन सभी इंजीनियर प्रतिदिन शाम 5 से सुबह 9 बजे तक मोबाइल बंद रखकर विरोध दर्ज कराएंगे। शिफ्ट ड्यूटी पर तैनात इंजीनियर ड्यूटी से अवकाश के समय मोबाइल बंद रखेंगे। राज्यभर में प्रदर्शन होंगे।

एसोसिएशन का कहना है कि बार-बार ज्ञापन देने, बैठकों और प्रबंधन के आश्वासनों के बावजूद बिजली क्षेत्र से जुड़े मूल मुद्दों पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इंजीनियर्स एसो. ने कहा कि इंजीनियर आवश्यक सेवाएं बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, पर यदि औद्योगिक शांति भंग होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।

इंजीनियर्स एसो. के अनुसार 2 नवंबर को पटियाला में आयोजित राज्य स्तरीय विरोध सभा में पंजाब से 1 हजार से अधिक इंजीनियरों ने हिस्सा लिया था, पर प्रबंधन ने इंजीनियरों की मांगों को नजरअंदाज किया। एसो. ने आरोप लगाया कि बिजली क्षेत्र की मूल्यवान संपत्तियों की बिक्री और मुद्रीकरण की प्रक्रिया को अब तक नहीं रोका गया है। साथ ही रोपड़ में प्रस्तावित 2×800 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल इकड्‌यों की स्थापना में भी लगातार बाधाएं डाली जा रही हैं।

इंजीनियर्स एसो. ने जीजीएस एसटीपी के मुख्य अभियंता इंजी. हरीश शर्मा के तकनीकी आधार पर निलंबन की मनमाना बताया है। वहीं, जेनरेशन निदेशक इंजी. हरजीत सिंह को पद से हटाने के मामले में प्रबंधन पर अवैध कार्रवाई का आरोप लगाया है। इन मामलों में अब तक सुधारात्मक कदम नहीं उठाया है।