अमित पांडेय, खैरागढ़। वनमंडल में मादा तेंदुए की मौत का मामला अब पूरी तरह साफ हो गया है। इस पूरे मामले की सबसे बड़ी बात यह है कि वन विभाग ने महज 24 घंटे के भीतर घटना से जुड़ी हर कड़ी जोड़ते हुए पूरे गिरोह को बेनकाब किया है। जांच में सामने आया है कि कुछ लोगों ने जंगल में बिजली के तार लगाकर जानवर पकड़ने का जाल बिछा रखा था। बताया जा रहा है कि यह जाल किसी और वन्य प्राणी के शिकार के लिए लगाया गया था, लेकिन उसी में एक मादा तेंदुआ फंस गई।
करंट लगने से तेंदुआ बुरी तरह घायल हो गया। इसके बाद जो हुआ, वह बेहद डराने वाला है। आरोपियों ने तेंदुए को मरता छोड़ने के बजाय उस पर लाठी-डंडों से लगातार वार किए, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद वे उसके चारों पंजे और चार दांत काटकर ले गए और शव को वहीं छोड़कर फरार हो गए।


तेंदुए की हत्या के पीछे अंधविश्वास बड़ा कारण
जांच के दौरान एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि आरोपियों में से एक व्यक्ति जादू-टोना करता है। इसी वजह से आशंका जताई जा रही है कि तेंदुए की हत्या के पीछे अंधविश्वास भी एक बड़ा कारण हो सकता है। ग्रामीण इलाकों में आज भी कुछ लोग वन्य प्राणियों के अंगों को तंत्र-मंत्र से जोड़कर देखते हैं। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग हरकत में आया। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर स्थानीय अमला, राज्य स्तरीय उड़नदस्ता दल और डॉग स्क्वॉयड की टीम मौके पर पहुंची। पूछताछ और जांच के बाद पूरे गिरोह की पहचान कर ली गई।
तेंदुए के पंजे, दात समेत बिजली के तार और हथियार बरामद
आरोपियों की निशानदेही पर बिजली के तार, लाठी-डंडे, धारदार हथियार और तेंदुए के गायब पंजे व दांत भी बरामद कर लिए गए। वन विभाग ने नियमों के अनुसार तेंदुए का पोस्टमार्टम कराया और अंतिम संस्कार किया। सभी जरूरी सैंपल सुरक्षित रखे गए हैं। मामले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है। यह मामला दिखाता है कि जंगलों में लगाए जा रहे अवैध करंट जाल और अंधविश्वास किस तरह वन्य जीवों के लिए जानलेवा बन रहे हैं। साथ ही यह भी साफ होता है कि समय पर और सख्त कार्रवाई हो तो ऐसे अपराधियों तक जल्दी पहुंचा जा सकता है।
ये हैं पकड़े गए आरोपी
- डोमन लाल वर्मा
- चंदू राम वर्मा
- हेमचंद वर्मा
- दीपक यादव
- फ़िरोज़ निषाद
- कचरू यादव
- भगवती वर्मा
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