प्रदीप गुप्ता, कवर्धा। जिले में आठ साल पहले हुई एक नाबालिग बच्ची की हत्या के अंधे मामले का आखिरकार खुलासा हो गया है। कड़ी मेहनत और सटीक विवेचना के बाद पुलिस ने इस सनसनीखेज प्रकरण की गुत्थी सुलझाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह मामला कुकदूर थाना क्षेत्र के ग्राम अमनिया का है, जो लंबे समय तक पुलिस के लिए चुनौती बना रहा।

जानकारी के अनुसार 17 मई 2017 को ग्राम अमनिया निवासी 14 वर्षीय बालिका राजबाई गोड का शव कोलिहामाड़ा नाला के पास एक भेलवा के पेड़ पर उसकी चुनरी से लटका हुआ मिला था। प्रारंभिक तौर पर मामला आत्महत्या का प्रतीत हुआ, जिसके बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पंचनामा एवं पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की।

हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पूरे मामले की दिशा बदल दी। डॉक्टर ने मृत्यु का कारण गला दबाने से दम घुटना बताया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या है। इसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छिपाने का अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू की, लेकिन ठोस सबूतों के अभाव में मामला वर्षों तक अंधा कत्ल बना रहा।

पुराने मामलों की समीक्षा से मिली सफलता

वर्ष 2025 में कबीरधाम पुलिस द्वारा पुराने और लंबित गंभीर अपराधों की विशेष समीक्षा की गई। इसी दौरान इस मामले को प्राथमिकता में लेते हुए नए सिरे से गहन जांच शुरू की गई। पुराने साक्ष्यों का दोबारा विश्लेषण किया गया, संदिग्धों की पहचान कर उन पर लगातार निगरानी रखी गई और मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया।

इसी कड़ी में साक्षी लक्ष्मण टेकाम से अहम जानकारी मिली। पुलिस ने उसका बयान न्यायालय में धारा 164 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत दर्ज कराया, जिससे जांच को निर्णायक दिशा मिली।

पूछताछ में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोपी रमला उर्फ राम धुर्वे से पूछताछ की। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि दयाल उर्फ दयालाल बैगा ने बालिका का गला दबाकर हत्या की थी। वारदात के बाद दोनों आरोपियों ने मिलकर शव को पेड़ पर लटका दिया, ताकि हत्या को आत्महत्या का रूप देकर पुलिस को गुमराह किया जा सके। इस स्वीकारोक्ति के बाद पुलिस ने आरोपी दयाल उर्फ दयालाल बैगा को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई जारी है।

कवर्धा पुलिस ने बीते 1 साल में 14 अंधे कत्ल मामलों का किया खुलासा

गौरतलब है कि बीते एक वर्ष में कवर्धा पुलिस जिले में हुए 14 अंधे कत्ल मामलों का सफलतापूर्वक खुलासा कर चुकी है। पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह के नेतृत्व में थाना कुकदूर पुलिस टीम की इस कार्रवाई को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि अपराध चाहे कितना भी पुराना क्यों न हो, अपराधी कानून से बच नहीं सकते।

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