बिलासपुर. स्वदेशी हमारी शक्ति है, जिससे हम आत्मनिर्भर बनते हैं. हमारा देश सोने की चिड़िया ऐसे ही नहीं बन गया. देश के व्यापारियों ने विदेशों में समृद्ध व्यापार किया. जिससे हमारे देश में समृद्धि आई. राज्यपाल अनुसुईया उईके ने शनिवार को बिलासपुर के स्वदेशी मेले में यह बातें कही.

बिलासपुर में भारतीय विपणन विकास केन्द्र द्वारा साईंस कॉलेज ग्राउण्ड में स्वदेशी व्यापार मेला आयोजित किया गया है. विगत 14 नवंबर से चल रहे इस मेले में राज्यपाल सुश्री उईके ने आज शिरकत की. उन्होंने मेले की भव्यता पर आश्चर्य और खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि स्वदेशी उत्पादों का परिचय कराने और उसके प्रति जागरूकता लाने के लिये यह मेला सार्थक है. किसी भी देश के विकास का तालमेल उस देश के सांस्कृतिक विकास से होना चाहिये. इस उद्देश्य को लेकर आयोजित यह मेला सराहनीय है. मेला अप्रत्यक्ष रूप से अर्थव्यवस्था में योगदान देता है.

राज्यपाल उईके ने कहा कि स्वदेशी की अवधारणा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में आया. स्वदेशी के भाव से महात्मा गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलाया था, जिससे इस भावना को बहुआयाम मिला. उन्होंने कहा कि अपने उत्पाद को हमें महत्व देना होगा. आज की पीढ़ी विदेशी वस्तुओं का उपयोग करना अपनी शान समझती हैं. इस दृष्टिकोण में बदलाव की जरूरत है. स्वदेशी वस्तुओं के ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। हमारा धन देश के बाहर नहीं जायेगा. इसलिये स्वदेशी उत्पाद के उपयोग की आदत डालनी चाहिये. विदेशों में भी स्वदेशी उत्पाद की विशिष्ट पहचान कायम हो, इसके लिये ज्यादा से ज्यादा प्रयास की आवश्यकता है.

कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय इस्पात मंत्री फगन सिंह कुलस्ते ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रतिस्पर्धा के दौड़ में हम आगे बढ़ रहे हैं लेकिन हमारी मूल पहचान स्वदेशी है, जिसे बनाये रखना जरूरी है। इस अवसर पर बिलासपुर के महापौर, बेलतरा विधायक, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित आयोजन समिति के अन्य सदस्य तथा शहर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.