कुंदन कुमार/पटना। बिहार की राजनीति से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। पटना जिले के मोकामा से बाहुबली विधायक अनंत सिंह को एक बार फिर अदालत से बड़ा झटका लगा है। दुलारचंद यादव हत्याकांड मामले में दाखिल उनकी जमानत याचिका को एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत के इस फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अनंत सिंह को फिलहाल जेल में ही रहना होगा और उनकी तात्कालिक रिहाई की संभावनाएं खत्म हो गई हैं।
इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं
सुनवाई के दौरान अनंत सिंह की ओर से अदालत में दलील दी गई कि वह इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं। उनके वकीलों ने कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया है। साथ ही स्वास्थ्य कारणों और लंबे समय से चल रही न्यायिक प्रक्रिया का हवाला देते हुए जमानत देने की मांग की गई। बचाव पक्ष ने यह भी तर्क रखा कि अनंत सिंह एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं और जांच प्रक्रिया में लगातार सहयोग कर रहे हैं।
सभी दलीलों को खारिज कर दिया
हालांकि एमपी-एमएलए कोर्ट ने इन सभी दलीलों को खारिज कर दिया। अदालत ने मामले की गंभीर लगाए गए आरोपों की प्रकृति और अब तक सामने आए साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट का कहना था कि मौजूदा परिस्थितियों में जमानत देना न्याय के हित में नहीं होगा। दुलारचंद यादव हत्याकांड को एक गंभीर अपराध मानते हुए अदालत ने सख्त रुख अपनाया।
चर्चा का विषय बना हुआ है मामला
यह मामला पहले से ही बिहार की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। अनंत सिंह बिहार के एक चर्चित और प्रभावशाली नेता रहे हैं और मोकामा विधानसभा सीट से कई बार विधायक चुने जा चुके हैं। उनकी दबंग छवि और विवादित बयानों के कारण वे अक्सर सुर्खियों में रहे हैं। फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं और इस फैसले के बाद उनकी कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अब उनकी कानूनी टीम हाईकोर्ट का रुख करने की तैयारी कर सकती है।
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