चंडीगढ़। डिब्रूगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह मंगलवार को जेल से वीसी के जरिए हाईकोर्ट में सुनवाई से जुड़े। अमृतपाल ने कहा, संसद में बोलना मेरा हक है। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में बाढ़, नशे और फेक एनकाउंटर के मामलों पर बोलना चाहता हूं। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने कहा, आप सक्षम हैं, बहस कर सकते हैं लेकिन वकील भी जिरह करेगा, यह नहीं सुनेंगे। मामले पर आप स्वयं या आपका वकील दोनों में से एक को बहस करने का अवसर दिया जाएगा।

अमृतपाल ने कहा कि वकील काम नहीं कर रहे, इसलिए वह अपना पक्ष रख रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब सरकार अपना पक्ष रख रही है जो अभी लंबित है। हाईकोर्ट ने सरकार की तरफ से आग्रह पर मामले पर बुधवार के लिए सुनवाई तय की है। इससे पहले सरकार ने सुरक्षा का हवाला देकर अमृतपाल की पैरोल याचिका खारिज करने की मांग की थी।
कहा गया कि उन्हें हिरासत में बनाए रखना राज्य की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए जरूरी है। रिहा होने के बाद संसद में सांसद क्या बोलेगा, इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है। कहा गया कि पुलिस आयुक्तों और एसएसपी को सतर्क किया था कि अमृतपाल और उसके समर्थकों ने 15 लोगों की सूची बनाई है। इनमें से 9 अक्टूबर को गुरप्रीत सिंह नाउ की हत्या की गई।



