कौन से हथियारों से 1971 में भारत पाकिस्तान को घुटनों पर लाया, कितने सैनिक हुए शहीद?
कौन से हथियारों से 1971 में भारत पाकिस्तान को घुटनों पर लाया, कितने सैनिक हुए शहीद?
3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय हवाई अड्डों पर अचानक हवाई हमला किया, जिसके बाद भारत ने औपचारिक रूप से युद्ध में प्रवेश किया.
3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने पश्चिमी मोर्चे पर भारतीय हवाई अड्डों पर अचानक हवाई हमला किया, जिसके बाद भारत ने औपचारिक रूप से युद्ध में प्रवेश किया.
मात्र 1314 दिनों के भीतर भारतीय सेना ने निर्णायक विजय प्राप्त की.
मात्र 1314 दिनों के भीतर भारतीय सेना ने निर्णायक विजय प्राप्त की.
इस युद्ध में थल सेना ने टी-55 और टी-54 टैंक इस्तेमाल हुए. सोवियत मूल के ये टैंक भारतीय बख़्तरबंद कोर की रीढ़ थे.
इस युद्ध में थल सेना ने टी-55 और टी-54 टैंक इस्तेमाल हुए. सोवियत मूल के ये टैंक भारतीय बख़्तरबंद कोर की रीढ़ थे.
इनकी फायर-पावर और सुरक्षा ने पश्चिमी मोर्चे पर खासकर राजस्थान और पंजाब सेक्टर में अहम भूमिका निभाई.
इनकी फायर-पावर और सुरक्षा ने पश्चिमी मोर्चे पर खासकर राजस्थान और पंजाब सेक्टर में अहम भूमिका निभाई.
ब्रिटिश मूल के सेंचुरियन टैंक ने विशेषकर शकरगढ़ और पश्चिमी सेक्टर में बेहतरीन प्रदर्शन किया और पाकिस्तानी टैंकों के मुकाबले में निर्णायक सबूत बने.
ब्रिटिश मूल के सेंचुरियन टैंक ने विशेषकर शकरगढ़ और पश्चिमी सेक्टर में बेहतरीन प्रदर्शन किया और पाकिस्तानी टैंकों के मुकाबले में निर्णायक सबूत बने.
मिग-21 सुपरसोनिक जेट भारतीय वायु सेना का प्रमुख आधुनिक हथियार था. डॉगफाइट और इंटरसेप्शन मिशनों में मिग-21 ने पाकिस्तानी विमानों को कड़ा जवाब दिया.
मिग-21 सुपरसोनिक जेट भारतीय वायु सेना का प्रमुख आधुनिक हथियार था. डॉगफाइट और इंटरसेप्शन मिशनों में मिग-21 ने पाकिस्तानी विमानों को कड़ा जवाब दिया.
ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर: एएन-12 एवं डीसी-3 (Dakota) का इस्तेमाल सैनिकों, साजो-सामान और रसद की आपूर्ति के लिए किया गया.
ट्रांसपोर्ट और हेलीकॉप्टर: एएन-12 एवं डीसी-3 (Dakota) का इस्तेमाल सैनिकों, साजो-सामान और रसद की आपूर्ति के लिए किया गया.
तोपखाना (आर्टिलरी): 25-पाउंडर फील्ड गन भारतीय तोपखाने की मुख्य रीढ़ थी, जिसका इस्तेमाल दुश्मन की पोज़ीशन, बंकरों और सप्लाई लाइनों को निशाना बनाने के लिए किया गया
तोपखाना (आर्टिलरी): 25-पाउंडर फील्ड गन भारतीय तोपखाने की मुख्य रीढ़ थी, जिसका इस्तेमाल दुश्मन की पोज़ीशन, बंकरों और सप्लाई लाइनों को निशाना बनाने के लिए किया गया
लगभग 3,800 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हुए. हज़ारों सैनिक घायल हुए और कुछ सैनिक लापता भी रहे.
लगभग 3,800 से अधिक भारतीय सैनिक शहीद हुए. हज़ारों सैनिक घायल हुए और कुछ सैनिक लापता भी रहे.
PM Modi Tour: हजार घोड़े और शाही यॉट्स का बेड़ा, PM मोदी से मिलने वाले ओमान के सुल्तान कितने रईस?