OMAN VISIT: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इथियोपिया के बाद 2 दिन के दौरे पर ओमान पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओमान की राजधानी मस्कट पहुंच गए हैं। यह उनकी तीन देशों की यात्रा का तीसरा और आखिरी चरण है। प्रधानमंत्री 17 और 18 दिसंबर को ओमान के दौरे पर रहेंगे। एयरपोर्ट पर उनका औपचारिक स्वागत किया गया। इसके बाद पीएम ने ओमान के रक्षा मामलों के उप प्रधानमंत्री सैयद शिहाब बिन तारिक अल सईद से मुलाकात की। मोदी का यह दौरा भारत और ओमान के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर हो रहा है। पीएम मोदी कल ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एंग्रीमेंट पर साइन होंगे। इस समझौते से भारत के टेक्सटाइल, फुटवियर, ऑटोमोबाइल, जेम्स एंड ज्वैलरी, रिन्यूएबल एनर्जी और ऑटो कंपोनेंट्स जैसे सेक्टर्स को सीधा फायदा होगा।

भारत ओमान के कच्चे तेल का चौथा सबसे बड़ा खरीदार और गैर-तेल उत्पादों का तीसरा सबसे बड़ा बाजार भी है। भारत और ओमान के बीच आर्थिक और कारोबारी रिश्ते लगातार बढ़े हैं। भारत से ओमान को चावल, मशीनरी, जहाज, विमान के पुर्जे, एल्यूमीनियम उत्पाद, खाद्य सामग्री, फल-सब्जियां, मसाले, चाय-कॉफी और मांस जैसे सामान निर्यात होते हैं। वहीं ओमान से भारत को कच्चा तेल, ईंधन, यूरिया, केमिकल्स, प्लास्टिक, सीमेंट और एल्यूमीनियम का निर्यात किया जाता है।

भारत और ओमान के बीच कल यानी 18 दिसंबर को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर साइन होंगे। इस समझौते को दोनों देशों के आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि यह करार भारत के लिए कई सेक्टरों में बड़े अवसर लेकर आएगा. पीयूष गोयल ने बताया कि इस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से टेक्सटाइल, फुटवियर, ऑटोमोबाइल, जेम्स एंड ज्वैलरी, रिन्यूएबल एनर्जी और ऑटो कंपोनेंट्स जैसे क्षेत्रों को सीधा फायदा होगा।

इसके साथ ही साथ ही ओमान के जरिए भारत को खाड़ी सहयोग परिषद (GCC), पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया और अफ्रीका के बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी। भारत और ओमान के बीच इस समझौते पर बातचीत नवंबर 2023 में शुरू हुई थी। धानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक की मौजूदगी में साइन किए जाएंगे। इससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।

पीयूष गोयल के मुताबिक भारत और ओमान के बीच सहयोग सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि ऊर्जा परिवर्तन, इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, खाद्य सुरक्षा और स्टार्टअप इकोसिस्टम जैसे क्षेत्रों में भी नई साझेदारी बनेगी। उन्होंने इसे दोनों देशों के लिए ‘असीम संभावनाओं’ वाला समझौता बताया।

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