नए ग्रामीण रोजगार बिल विकसित भारत-जी राम जी (ग्रामीण रोजगार और आजीविका मिशन) संशोधन विधेयक (Viksit Bharat-G RAM G (Gramin Rozgar and Ajeevika Mission) Amendment Bill) पर 17 दिसंबर को लोकसभा में 14 घंटे बहस हुई। रात 1.30 बजे तक चली बहस के दौरान सत्ता पक्ष ने बिल का समर्थन किया। वहीं विपक्ष ने बिल का विरोध करते हुए स्टैंडिंग कमिटी के पास भेजने की मांग की। वहीं मनरेगा का नाम बदले जाने को लेकर विपक्ष आज भी हमलावर है। नए ग्रामीण रोजगार बिल (VB-G-RAM-G) के खिलाफ विपक्ष ने गुरुवार को संसद परिसर में मार्च निकाला।। इसमें विपक्ष के 50 से ज्यादा सांसदों ने हिस्सा लिया और VB-G-RAM-G बिल वापस लेने के नारे लगाए।
विकसित भारत-जी राम जी (ग्रामीण रोजगार और आजीविका मिशन) संशोधन विधेयक पर लोकसभा में जमकर चर्चा हुई. विपक्ष ने इस कवायद को केंद्र की मोदी सरकार के पतन की शुरुआत करार दिया तो सत्तारुढ़ बीजेपी का कहना है कि विपक्ष को खुश करने के लिए यह बिल नहीं लाया गया है. नए बिल से कांग्रेस की कमाई बंद हो जाएगी, इसलिए घबराई हुई है.
बिल को लेकर लोकसभा में कल हुई बहस में 98 सांसदों ने हिस्सा लिया. कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज गुरुवार को बहस का जवाब देंगे. वहीं मनरेगा का नाम बदले जाने को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है. इंडिया गठबंधन के कई घटक दल इस बिल के खिलाफ आज गुरुवार सुबह संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन करेंगे.
सूत्रों का कहना है कि सुबह 10.15 बजे संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास ये सांसद अपने विरोध प्रदर्शन करेंगे. विरोध को लेकर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई थी. तृणमूल कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं हुई थी.
समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता और सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि यदि सरकार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलना ही था तो फिर इसे बाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर क्यों नहीं किया गया. इसका नाम जय भीम विधेयक भी हो सकता था. आरएसपी के नेता एनके प्रेमचंद्रन ने यह दावा किया कि यह विधेयक केंद्र की मोदी सरकार के पतन की शुरुआत है. जम्मू-कश्मीर से निर्दलीय सांसद अब्दुल रशीद शेख ने बहस में हिस्सा लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर भगवान राम के झूठे भक्त होने का आरोप लगाया.
अनुराग ठाकुर ने नए बिल के सुधारों की तारीफ करते हुए कहा, “यह प्रस्तावित कानून पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक और सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े लोगों, जिसमें किसान, मजदूर, महिलाएं और सामाजिक रूप से वंचित समुदाय शामिल हैं. बिल का समर्थन करते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इसे “बहुत ही अहम” बताया और कहा कि वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी सरकार की गंभीरता को दिखाती है.
कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भगवान राम ने सबरी के झूठे बेर खाकर गरीबों का सम्मान किया था, लेकिन यह सरकार मनरेगा को बदलकर गरीबों का अपमान कर रही है. भारतीय आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने आरोप लगाया कि सरकार मनरेगा को खत्म करने के साथ ही महात्मा गांधी का अपमान किया जा रहा है. कांग्रेस सांसद वामसी कृष्णा गड्डम ने कहा कि सरकार के इरादे उनके “गैर-जरूरी फैसलों” से साफ हो रहे हैं.



